सत्संग भजन से ही सुंदर बनती है आत्मा: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthanपरम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शरीर को सुंदर बनाना अलग बात है, पर आत्मा को सुंदर बनाना अति उत्तम बात है। आत्मा सत्संग भजन से ही सुंदर बनती है। जैसे लोग कहते हैं कमाना जरुरी है, घर बनाना जरूरी है, उसी तरह अपना उद्धार करना भी जरूरी है।
धर्म शास्त्रों में श्री मदालसा जी की कथा है। बचपन से सत्संग करती थी। उसने निर्णय किया विवाह हो रहा है, मेरे यहां जन्म लेने वाली संतान दूसरी मां के गर्भ में नहीं जन्म लेगी। वेदांत की लोरी सुनाती थी, श्री मदालसा जी, अपने नन्हे नन्हे बच्चों को।
शुद्धोऽसि बुद्धोऽसि निरंजनोऽसि, भागवत में लिखा है भजन करने वाला कभी यह महसूस न करें कि मैं अकेला हूं। सदैव यह महसूस करना चाहिए कि भगवान मेरे साथ है। भगवान के मंदिर में इसलिए दीपक नहीं जलाया जाता कि मंदिर में अंधेरा है। इसलिए दीपक जलाया जाता है कि हमें अपना अंधेरा मिटाना है।
जब कोई साधक यह कहता है कि- भगवान दरवाजा खोलो, तब यह प्रश्न नहीं है। प्रश्न यह है कि आप आंख कब खोलेंगे। सूर्य, चंद, उन्हें उजाला नहीं दे सकते, क्योंकि सबका पावर हाउस परमात्मा ही है। न तत्र सूर्योऽभाति न च चन्द्रतारकम्। हमको भी ऐसा बना है कि- हम दूसरों के प्रकाश बनें,दूसरों के सहारे की जरूरत न पड़े। दूसरों के सहारा हम बनें।
दूसरों के उच्छिष्ट मत बनो। दुनियां में विशिष्ट बनकर रहो। नकल मत बनो, असल बनो। सभी हरि भक्तों को तीर्थगुरु पुष्कर आश्रम एवं साक्षात् गोलोकधाम गोवर्धन आश्रम के साधु-संतों की तरफ से शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम श्रीगोवर्धन धाम कॉलोनी बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्रीदिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट, ग्रा. पो. गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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