Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, संस्कार-बीज- बालक बड़ों का ही अनुकरण करता है. मां-बाप यदि जल्दी उठकर प्रभु-स्मरण करें तो बालक के जीवन में ऐसे ही संस्कार पड़ेंगे. आपकी संतान के जीवन में अच्छे संस्कारों का सिंचन हो, इस दृष्टि से भी सत्कर्म करो. आप स्वयं तो घर में बैठे हो और बाहर दरवाजे पर यदि ऐसा व्यक्ति आ जाय जिसे तुम नहीं चाहते तो उसे बाहर निकालने के लिए अपने बच्चे के द्वारा ‘आप घर में नहीं हो’ ऐसा संदेशा भूलकर भी मत कहलाओ.
झूठ बोलने के ऐसे संस्कार बालक के जीवन को बर्बाद कर देने वाले सिद्ध होते हैं और असत्य का बीजारोपण होने के बाद बड़ी उम्र में जब वह वृक्ष के रूप में फलेगा तब आपके पछतावे का कोई अंत नहीं होगा. जिसके मुख में मिठास किंतु मन में जहर है, ऐसे मानव-सर्प का विश्वास कौन करेगा. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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