Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, नन्द-यशोदा- मधुर वाणी, विनय, सरलता, स्नेह, सद्भाव और सेवा द्वारा जो सबको आनंद प्रदान करे उसका नाम नन्द है। जो स्वयं मेहनत करे और यश दूसरों को दे, उसका नाम यशोदा है। स्वयं के पुण्य से मिले हुए फल को भी दूसरे की आशीर्वाद से मिला हुआ मानकर नम्रता का भाव रखने वाली मैया यशोदा हैं।
उनकी सेवा इतनी महान होती है कि उसे देखकर सभी की आंखों में आनंद छलकने लगे। किसी के बालक को बुखार आ जाय तो ये उसके घर दौड़े हुए जाएं और उसकी मुसीबत दूर करें। ऐसी सेवा भाभी दम्पत्ती के कल्याण के लिए हमेशा सभी लोग कामना करते हैं। ऐसी सेवाभावी दम्पत्ती के ऊपर सभी के आशीर्वाद का अमृत हमेशा बरसता रहता है। ऐसे योग्य दम्पत्ती के आंगन में ही सर्वेश्वर बालक बनकर आते हैं। पान-सुपारी में जिसे रस आता है उसे भक्ति का रस अच्छा नहीं लगता।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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