Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सोते उठते हरिस्मरण- शयन के समय बिस्तर पर लेटने के बाद जो तुम्हें बार-बार याद आये, उसी में तुम उलझे हुए हो। कुछ लोग सोते-सोते व्यापार के बारे में विचार करते हैं। कुछ लोग बिस्तर पर सोने के बाद संसार की चिंताएं करते हैं। कुछ सौभाग्यशाली शयन करते समय परमात्मा का स्मरण करते हैं। जब तक शरीर थक न जाय, तब तक बिस्तर पर मत जाओ। परोपकार में शरीर को व्यस्त रखो।
जब तक नींद ना आए। तब तक जप करते रहो। दो-तीन मिनट में ही नींद आ जाने की तसल्ली हो, तब बिस्तर पर लेटो। फिर जप करते-करते ही सो जाओ और नाम जप करते-करते ही ब्रह्म-मुहूर्त में उठो। निद्रा आने के पूर्व तक जो जप करता रहता है और सवेरे जागने के बाद भी जप करते-करते ही बिस्तर से उठता है, उसके लिए निद्रा का पूरा समय नाम-स्मरण बन जाता है और परमात्मा के खाते-वही में उसका निद्रा का समय भी नाम-स्मरण के समय के रूप में लिख जाता है।
जिसकी मति सुकर्म में लगी हो, वही श्री राम भक्त है, वही श्री कृष्ण भक्त है, वही परमात्मा का भक्त है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).