Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सारांश- मोह ममता से नाता तोड़ो, ईश्वर से नाता जोड़ो, रिश्तों के राग को मरोड़ो, धन संपत्ति परिवार से आसक्ति छोड़ो और वैराग्य की ओर मुख मोड़ो तो जीवन आकाश की ऊंचाइयों को छू लेगा। अमर है यह आत्मा करो न देह से प्यार, देह तो इक दिन जायेगा वृथा इसका सिंगार।
आत्मा सच्चा मित्र है जो दे अंत तक साथ, भारती दयालु ईश्वर से करो तुम सच्चा प्यार।। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).