Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रेम से समझाओ- आप अपनी सभी इंद्रियों को प्रेम से समझाकर विषयों के मार्ग से रोको और प्रभु के मार्ग में लगाओ। आंखों से कहो कि जगत के रूप के पीछे मत भटको क्योंकि श्रीकृष्ण के रूप दर्शन में ही कल्याण समाया हुआ है।
कानों से कहो कि निंदा के वचनों को सुनकर संसार का जहर मत पान करो, क्योंकि श्री कृष्ण के बंसी निनाद एवं कीर्तन श्रवण में ही जीवन का श्रेय समाया हुआ है। जीभ से कहो कि किसी की निंदा या स्वाद-लालसा के पीछे मत भटको, क्योंकि श्रीकृष्ण के गुणगान और प्रसाद-ग्रहण से ही कल्याण हो सकेगा। इस तरह अपनी त्वचा और नाक की इंद्रियों को भी प्रेम से समझाकर प्रभु के मार्ग पर लगाओ।
मनुष्य होशियार तो है, किंतु ठोकर खाये बिना उसमें सावधानी आती नहीं है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर(राजस्थान).