गुरुजनों के द्रवित हृदय से निकले हुए शब्द होते हैं कल्याणकारी: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, आशीर्वाद मांगने से नहीं मिलता, वो तो बुजुर्गों की सेवा करने एवं उनके आह्लादित हृदय के द्रवित होने पर प्राप्त होता है. गुरुजनों के द्रवित हृदय से निकले हुए शब्द कल्याणकारी ही होते हैं. गुरुदेव सांदीपन ने तो श्रीकृष्ण से गुरु दक्षिणा के रूप में विद्या के वंश की वृद्धि ही मांगी थी, परंतु गुरु पत्नी की आकांक्षा सागर में डूबकर मर गये पुत्र को पुनर्जीवित करने की थी, ताकि बिंदुवंश का नाश न हो.

श्रीकृष्ण तुरंत दौड़कर समुद्र के पास गये और गुरु पुत्र को गुरु पत्नी के सामने ले आये. गुरु पत्नी के समक्ष उस बालक को प्रस्तुत करते समय श्रीकृष्ण ने जिस नम्रता का आदर्श उपस्थित किया, उसे देखकर गुरु पत्नी का हृदय गद् गद् हो गया और उस द्रवित हृदय से आशीर्वाद के निर्झर फूट पड़े, ” कृष्ण तेरी हमेशा विजय हो. मैं आशीर्वाद देती हूं कि तेरे घर में लक्ष्मी, जिह्वा पर सरस्वती और जगत में कीर्ति बढ़ती ही जाय, बढ़ती ही जाय.”

बताओ हृदय के आशीर्वाद तो इसी रीति से मिलते हैं न! बताओ, इसी प्रकार के आशीर्वाद ही फलते हैं न! शरीर के मरने पर मुक्ति नहीं मिलती. मुक्ति तो मन की मृत्यु होने पर प्राप्त होती है. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

ये भी पढ़े: 05 March 2024 Ka Panchang: मंगलवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Latest News

Gaza War में घायल हुए फिलिस्तीनियों की हालत देख पसीजा इंडोनेशिया, राष्ट्रपति प्रबोवो ने कर दिया बड़ा ऐलान

Gaza War: इजरायल हमास के बीच चल रहे जगं के कारण गाजा पूरी तरह से तबाह हो गया है....

More Articles Like This