Dhoop Benefits: सनातन धर्म में नियमित पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. पूजा करते समय कपूर, धूप और अगरबत्ति जलाई जाती है. धूप दिखाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि धूप जलाने (Dhoop Benefits) से घर में मौजूद नकारातमकता खत्म होती है और पॉजिटिवनेस आती है. पूजा में लगभग हर कोई धूप जलाता होगा, लेकिन बहुत कम लोग इसके महत्व जानते होंगे. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि धूप जलाने के सही नियम और इसके क्या फायदें होते हैं…
धूप जलाने के फायदे
शास्त्रों के अनुसार, धूप देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इसे नियमित जलाने से परिवार के सदस्य स्वस्थ रहते हैं. इससे नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. इतना ही नहीं, बल्कि इससे ग्रहों से होने वाली समस्याएं भी खत्म होती हैं.
धूप जलाने के नियम
आमतौर पर दो तरीके से धूप जलाया जाता है. एक जलते हुए कंडे पर गुड़ और घी मिलाकर धूप जलाते हैं और दूसरा गुग्गुल और कपूर के मिश्रण से जलाया जाता है.
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- शास्त्रों के अनुसार, धूप देने से पहले घर की अच्छे से सफाई कर लेनी चाहिए. इसके साथ ही खुद को भी पवित्र रखना जरूरी है. स्नान आदि करके ही धूप देना चाहिए.
- शास्त्रों के अनुसार, इस तरीके से धूप जलाना चाहिए कि उसकी सुगंध घर के हर कोने में पहुंचे. इससे पूरे घर का वातावरण शुद्ध रहता है.
- शास्त्रों के अनुसार, जब तक धूप का प्रभाव घर में रहता है, तब तक कोई फिल्मी गाने न बजाकर भक्ति के संगीत बजाने चाहिए.
- शास्त्रों के अनुसार, अगर नियमित धूप देने में किसी तरह की समस्या आ रही तो, अमावस्या, पूर्णिमा, कादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी के दिन अवश्य धूप दिखाएं.
- शास्त्रों के अनुसार, इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सुबह में दी जाने वाली धूप देवी-देवताओं को समर्पित होती है. वहीं, शाम वाली पितरों के निमित्त होती है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)