परमार्थ और भगवान के भजन से प्राप्त होती है अखण्ड शांति: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्तजन प्रत्येक परिस्थिति को भगवान की कृपा मानते हैं। परिस्थितियां प्रारब्धजन्य हैं वह बदल नहीं सकती,  लेकिन अपनी मनःस्थिति को बदलकर हम शान्त और सुखी हो सकते हैं। उदाहरण-
क्या प्रभु ने आपको पुत्र नहीं दिया? पुत्र न हो तो दुःखी क्यों होते हो? पुत्र नहीं है तो इसमें बुरा क्या है? पुत्र यदि बहुत लायक हो तो मां-बाप उसकी आसक्ति में ही फंसे रहते हैं और यदि पुत्र अच्छा नहीं है तो मां-बाप के कष्टों का कोई पर नहीं।

इसके बजाय तो संतान न हो तो किसी प्रकार की आसक्ति भी न रहे, वेदना भी न सहनी पड़े और मन हमेशा प्रभु के चरणों में लगा रहे। सच्चा भक्त किस प्रकार के संतोष और उच्च विचारों से युक्त होता है। इसलिए प्रभु की आंखें उस पर हमेशा अमृत बरसाती रहती हैं। इसीलिए उस पर प्रभु हमेशा प्रसन्न रहते हैं। इसीलिए भक्त की पुकार सुनकर प्रभु तुरन्त दौड़े चले आते हैं।
भोग भोगने से क्षणिक सुख मिलता है, किन्तु शान्ति नहीं मिलती है। परमार्थ और भगवान् के भजन से अखण्ड शांति प्राप्त होती है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

ये भी पढ़ें :- Drugs: ATS और NCB ने फैक्ट्री से जब्त किया 1814 करोड़ रुपये की MD ड्रग्स

Latest News

इस्राइली पीएम नेतन्याहू की चेतावनी का फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने दिया जवाब, जानिए क्या कहा…

Israel: इस्राइल को हथियारों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने पर पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की चेतावनी के बाद फ्रांस के...

More Articles Like This

Exit mobile version