ईश्वर की प्रसन्नता के लिए किया गया हर काम भक्ति है: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, महारास में राधा-कृष्ण बीच में होंगे और गोपियों चारों ओर नृत्यकर रही होंगी। आध्यात्मिक दृष्टि से आत्मा हृदय के बीच, भक्ति के साथ और बुद्धि के साथ स्थिर रहती है और इंद्रिय चारों तरफ नाचती हैं। काम जो करती रहती हैं मानो वे नाचती रहती हैं और इंद्रियां नाचती हैं और काम करती हैं, आत्मा को सुखी बनाने के लिये। इंद्रियां स्वयं अपने सुख के लिए काम नहीं करतीं। इंद्रियां जो भी कार्य करती हैं, उनका उद्देश्य आत्मा को सुख देना है। गोपियां अर्थात् इंद्रियां और राधा-कृष्ण अर्थात् भक्ति के साथ आत्मा।
इंद्रियां आपकी आत्मा को सुखी करने के लिये नाचती हैं, कर्म करती हैं। वैसे गोपागंनायें नृत्य करती हैं। अपने सुख के लिए नहीं, श्री श्याम सुंदर को मुस्कुराते हुए देखने के लिये। ” तत् सुख सुखित्वम् ” श्री देवर्षि  नारद जी ने व्याख्या की है। ईश्वर की प्रसन्नता के लिए किया गया हर काम भक्ति है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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