Kalank Chaturthi 2024: इस दिन भूलकर भी ना करें चांद का दीदार, वरना पूरे साल होंगे परेशान

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Kalank Chaturthi 2024: हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधि विधान से की जाती है. वहीं इस दिन चंद्र दर्शन करना वर्जित बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो लोग जानें-अनजानें में भी चांद का दर्शन कर लेते हैं, तो उन पर झूठे आरोप लगते हैं. इसलिए इसे कलंक चतुर्थी के नाम से जानते हैं.

कब है कलंक चतुर्थी 2024?

भाद्रपद मास की शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर में 03:01 बजे से लेकर 7 सितंबर को शाम 05:37 बजे तक रहेगी. हिंदू धर्म में उदयातिथि सर्वमान्य होती है. इसलिए गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी. 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा का मुहूर्त 11:03 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक है.

इस दिन भूलकर भी ना करें चांद का दर्शन

इस चतुर्थी को कलंक चौथ के नाम से भी जाना जाता है. कलंक चतुर्थी के दिन चांद के दर्शन करने की मनाही होती है. इस दिन शाम में भूलकर भी चांद का दर्शन ना करें. ऐसी मान्यता है कि यदि इस दिन कोई चंद्रमा के दर्शन कर ले तो उसे झूठे लांछन का आरोप भी सहना पड़ता है. क्योंकि, स्वयं भगवान श्रीकृष्ण भी इस तिथि पर चंद्र दर्शन करने के पश्चात मिथ्या कलंक के भागी बने थे.

जानिए क्यों नहीं करते चांद का दर्शन?

दरअसल, पौराणिक कथाओं में ऐसा वर्णन है कि चंद्रमा ने गणेश जी के पेट और गजमुख स्वरूप को देखकर हंस दिया. जिससे गणेश जी क्रोधित हो गए. इसके बाद उन्होंने चंद्रमा को श्राप देते हुए कहा तुम्हें अपने रूप पर बड़ा गर्व है, इसलिए तुम्‍हारा क्षय हो जाएगा और कोई तुम्हें नहीं देखेगा. अगर कोई तुम्हें देखेगा तो उसे कलंक लगेगा. ऐसी मान्यता है कि श्राप के कारण ही चंद्रमा का आकार हमेशा घटता बढ़ता रहता है. बताया जाता है कि श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्रमा ने शिव जी की उपासना की. जिसके बाद शिवजी ने चंद्रमा को गणेश जी से विनती करने को कहा.

गणेश जी ने कहा कि मेरे श्राप का असर समाप्‍त नहीं होगा, लेकिन इसके प्रभाव को घटा देता हूं. इससे 15 दिन तुम्‍हारा क्षय होगा लेकिन फिर बढ़कर तुम पूर्ण रूप प्राप्‍त करोगे. साथ ही भाद्रपद मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी के दिन जो तुम्‍हें भूलकर भी देखेगा उसे कलंक लगेगा. यही वजह है कि इस दिन चंद्र दर्शन की मनाही होती है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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