Nalheshvar Mahadev Mandir: भारत में भगवान शिव के लाखों मंदिर है. हर एक मंदिर का अपने आप में विशेष महत्व है. भगवान शिव के हर प्रसिद्ध मंदिर से जुड़़ी कुछ ना कुछ खास मान्यताएं हैं. ऐसे में आज हम आपको देवों के देव महादेव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने आप में एक चमत्कार से कम नहीं है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं हरियाणा के नलहरेश्वर महादेव मंदिर की. ये मंदिर राज्य के अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है. इस मंदिर के पास एक कदंब का पेड़ है, जहां से लगातार मीठा पानी निकलता रहता है. आइए आपको इससे जुड़े रहस्य के बारे में बताते हैं…
क्या है मंदिर का इतिहास?
हरियाणा राज्य के जिला मुख्यालय नूंह शहर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर नलहरेश्वर शिव मंदिर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि इस स्थान को प्रभु श्रीकृष्ण ने कौरवों और पांडवों का समझौता कराने के लिए चुना था. कहा जाता है कि जिस जिस जगह पर भी भगवान कृष्ण के पैर पड़े वहां पर कदंब का पेड़ पाया गया था. इस मंदिर परिसर के जिस कदंब के पेड़ से पानी निकलता है वो मंदिर से करीब 500 फीट की ऊंचाई पर है.
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इतनी सीढ़ियां चढ़कर जाते हैं पेड़ तक
जानकारी दें कि मंदिर परिसर के इस पेड़ तक पहुंचने के लिए भक्तों को 287 सीढ़ियां चढ़नी होती है. इससे महादेव के भक्त पेड़ के पास आसानी से पहुंच जाते हैं. जो भक्त भी नलहरेश्वर मंदिर में महादेव के दर्शन के लिए आते हैं वो इस पेड़ के पास जरुर जाते हैं और इसमें से निकल रहे जल का सेवन करते हैं.
आज तक खत्म नहीं हुआ पानी
मंदिर परिसर में स्थित कदंब के पेड़ से सैकड़ों साल से पानी निकल रहा है. ये जल बिल्कुल साफ और मीठा है. कई भक्त तो इस पानी को भरकर अपने साथ ले जाते हैं. हालांकि कभी भी पेड़ से निकलने वाला पानी खत्म नहीं हुआ है. खास बात तो यह है कि जहां अरावली पहाड़ियों के पेड़ों से पतझड़ हो चुका है तो वहीं इस कदंब के पेड़ के पत्ते आज भी बिलकुल हरे हैं.
इस दिन लगता है भव्य मेला
इस मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि के त्योहर पर भव्य मेला लगता है. यहां भक्त कावड़ लेकर भी आते हैं. इतिहास की बात करें तो साल 1983 में मंदिर परिसर को सुंदर बनाने की शुरुआत हुई थी. वहीं, इस मंदिर परिसर में एक बड़ा सा मुख्य द्वार भी बनाया गया है. इस मंदिर में दर्शन करने के लिए देश के अलग- अलग हिस्सों से श्रद्धालु आते हैं. मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस जगह को पर्यटक स्थल के रूप में बनाने की भी चर्चा की जा रही है.
(अस्वीकरण: लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. ‘द प्रिंटलाइंस’ इसकी पुष्टी नहीं करता है.)