Holika Dahan 2024: इस गांव में नहीं जलाई जाती है होली, होलिका दहन का नाम सुन डर जाते हैं लोग

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Holika Dahan 2024: पूरे देश में होली के पर्व को लेकर उत्साह का माहौल है. आज रात को होलिका दहन किया जाएगा. जिसके बाद रंगोत्सव की शुरुआत हो जाएगी और कल पूरे दिन लोग एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाएंगे. होलिका दहन को लेकर लोग जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं, जहां लोग होलिका दहन नहीं किया जाता है. यहां होलिका दहन का नाम सुन लोगों के रुह कांप जाते हैं. आइए जानते हैं कहां है ये गांव और यहां क्यों नहीं जलाई जाती है होली…?

जानिए कहां है ये गांव?

दरअसल, हम जिस गांव की बात कर रहे हैं वह मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के सागर जिले का हथखोह गांव है. यहां होलिका दहन पर पूर्णतः रोक है. खास बात यह है कि यह रोक किसी पुलिस प्रशासन द्वारा नहीं लगाया है, बल्कि इस गांव के लोगों द्वारा ही होलिका दहन पर रोक है. यहां दशकों से आज तक कभी होलिका नहीं जलाई गई. इस गांव में होलिका दहन का जिक्र होते ही लोग डर जाते हैं. यहां होलिका दहन की रात सामान्य रात की तरह ही होती है. हालांकि, होलिका दहन के अगले दिन होली खेली जाती है.

जानिए क्यों नहीं जलाई जाती है होलिका

यहां होलिका दहन ना करने के पीछे की वजह बहुत रहस्यमय है. बता दें कि इस गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि दशकों पहले गांव में होलिका दहन के दौरान आग लग गई. इस आग ने विकराल रूप ले लिया. जिसे बुझाना लोगों के काबू से बाहर हो गया और कई झोपड़ियां जलकर राख हो गईं. इस दौरान ग्रामीणों ने झारखंडन देवी की आराधना की. जिसके बाद झारखंडी माता की कृपा से आग बुझी और ग्रामीणों ने रात की सांस ली

झारखंडन माता को कुलदेवी मानते हैं लोग

आदिवासियों के इस हथखोय गांव में ऐसी मान्यता है कि होली जलाने के बाद यहां एक देवी है, जो नाराज हो जाती है और फिर उनका प्रकोप देखने को मिलता है. इसी वजह से यहां के ग्रामीण होलिका दहन नहीं करते हैं. ग्रामीणों को इस बात का डर है कि होली जलाने से झारखंडन देवी कहीं नाराज न हो जाएं. यही वजह है कि यहां होलिका दहन के दिन होलिका नहीं जलाई जाती है. झारखंडन माता को ग्रामीण अपनी कुलदेवी भी मानते हैं.

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