Puja Path Ke Niyam: सनातन धर्म में शंख का काफी महत्व है. हर हिंदू के घर में आपको शंख दिख जाएगा. वहीं, किसी भी पूजा पाठ में या फिर अनुष्ठान में बिना शंख के पूजा अधूरी माना जाती है. सनातन में ऐसा कहा जाता है कि शंख की ध्वनि से नकारात्मकता का नाश होता है. जहां तक शंख की आवाज जाती है वहां तक का इलाका सकारात्मकता से भर जाता है. ऐसे में आज आपको हम बताने जा रहे हैं शंख से जुड़े कुछ नियम.
दरअसल, कई लोग घर में शंख रखना बेहद पसंद करते हैं. शास्त्रों में घर में शंख रखने के नियम बताए गए हैं. घर में कितने शंख रखे जाने चाहिए, कौन सा शंख पूजा के लिए शुभ होता है. इन सब बातों का जिक्र शास्त्रों में किया गया है.
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घर में कितने रखें शंख
शास्त्रों के अनुसार घर में बने मंदिर में दो शंख रखा होना चाहिए. वहीं, दूसरा शंख बजाने के लिए होना चाहिए. यानी जिस शंख को बजाया जा रहा है वह पूजा के लिए नहीं प्रयोग किया जाना चाहिए. बता दें कि शंख बजाते समय मुख से लगाना पड़ता है, जिस कारण वो दूषित हो जाता. इसलिए पूजा स्थल पर रखे शंख को नहीं बजाया जाना चाहिए. पूजा के दौरान बजाने के लिए दूसरे शंख का प्रयोग किया जाना चाहिए. घर में हमेशा दो शंख रहे. एक बजाने के लिए दूसरा पूजा के लिए.
कैसी शंख से करें पूजा?
मान्यताओं के अनुसार पूजा करने के लिए दक्षिणावर्ती शंख का ही उपयोग होना चाहिए. दरअसल, ऐसा माना जाता है कि दक्षिणावर्ती शंख साक्षात लक्ष्मी का रूप होता है. अगर इसका प्रयोग पूजा के लिए किया जाए तो घर पर लक्ष्मी की कृपा बरसती है.
शंख रखने का नियम
आपको बता दें कि धार्मिक मान्यता है कि जो शंख आपने पूजा के लिए मंदिर में रखा है, उस पर परिवार से बाहर के लोगों की नजरें नहीं पड़नी चाहिए. इस वजह से शंख को हमेशा लाल रंग के स्वच्छ कपड़े से ढक कर रखना चाहिए. माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है और घर में धन और वैभव बने रहते हैं.
जानिए शंख से जुड़े वास्तु के नियम
आपको बता दें कि पूजा वाले शंख में रात के समय पानी भरकर रखें. सुबह इस पानी को छिड़काव घर के हर एक कोने में करें. मान्यता है कि ऐसा करने से वास्तु के दोषों से मुक्ति मिलती है.
(अस्वीकरण: लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित हैं. द प्रिंटलाइंस इसकी पुष्टी नहीं करता है)