यदि हम धर्म की रक्षा करेंगे, तो धर्म हमारी रक्षा करता है: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मानव के चोले में लोग बैल की जिंदगी जी रहे हैं। जिंदगी भर संसार की गाड़ी को ढोते ही रहते हैं। जीवन की गाड़ी बैल की तरह खींचते नजर आ रहे हैं। व्यर्थ बातों में जीवन बीतता चला जाता है। बच्चों को पालना, पोसना, बड़ा करना, ब्याह करना, बच्चों के घर बच्चेे हुए फिर व्यवहार चलाते रहना, बस बैल की तरह जिन्दगी को खींचते रहते हैं। शरीर मिला है मानव का, लेकिन जिन्दगी जी रहे हैं बैल की।
जीवन में जहां कहीं रहे उपयोगी बने रहें, आवश्यक बने रहें। क्योंकि अनुपयोगिता से तनाव होगा। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का मंगलमय गौरव पक्ष यह है कि वे जहां और जब रहे तब और वहां उपयोगी एवं आवश्यक बनकर रहे। भगवान की भक्ति का सबसे श्रेष्ठ पक्ष यह है। भक्त कहता है सुख बरसात का चाहो तो भक्त की आंखों में आ बैठो। बादल बरसों में बरसते हैं और भक्त के नेत्र बरसों से बरसते हैं।
यदि हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करता है। धर्म की रक्षा कैसे होगी? धर्म की रक्षा शास्त्रों का स्वाध्याय, चिंतन करके और उनके बताये गये मार्ग पर चलने से धर्म की रक्षा होगी। मानव धर्म की रक्षा होगी और वह कर्तव्य रूप धर्म हम सबका रक्षा कवच बनेगा। अंधकार समस्या नहीं है, हम दीप जलाने का प्रयास करें। अंधकार को कोसें नहीं। आलस्य से बैठना समाधान नहीं है,  उपाय नहीं है। हम जहां भी हैं एक दीप जलायें। हम मिट्टी के दीये की तरह स्नेह तेल से भरे हुए हों। उसी का नाम जीवन है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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