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Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मानस सरोवर का ज्ञानघाट- प्रथम घाट पर भगवान महादेव वक्ता हैं और भगवती पार्वती माता श्रोता हैं। यह पहला घाट ज्ञान का है। ज्ञानघाट पर भगवान महादेव जब श्रीरामचन्द्र की कथा कहते हैं, तब वहां भगवान श्रीरामचन्द्र परब्रह्म-तत्त्व हैं इसका प्रतिपादन करते हैं।
1- जासु कथा कुंभज रिषि गाई। भगति जासु मैं मुनिहि सुनाई।।
सोइ मम इष्टदेव रघुवीरा।
सेवत जाहि सदा मुनि धीरा।।
2- मुनि धीर जोगी सिद्ध संतत बिमल मन जेहि ध्यावहीं।
7- कासीं मरत जन्तु अवलोकी। जासु नाम बल करउँ बिसोकी।। सोइ प्रभु मोर चराचर स्वामी। रघुबर सब उर अंतरजमी।।
ऐसा जिनका वर्णन वेदों और उपनिषदों ने किया है, इस प्रकार से जिन तत्वों का वर्णन वेदों और उपनिषदों ने किया है, वे ही तत्व भगवान महादेव को ‘ राम ‘ शब्द के उच्चारण में प्रतीत होते हैं। भगवान महादेव की दृष्टि में श्रीराम का तात्पर्य वेदवेद्य परातपर ब्रह्म है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).