Jupiter Transit Taurus 2024: सनातन धर्म में गुरु बृहस्पति नवग्रहों में से काफी खास ग्रह माना जाता है. ऐसे में इसके राशि परिवर्तन करने के बाद सभी राशि के लोगों पर इसका प्रभाव नजर आता है. शास्त्रों में वर्णन है कि गुरु बृहस्पति एक राशि में करीब 13 महीने तक रहते हैं. जिसके कारण गुरु बृहस्पति को एक राशि में दोबारा आने में लगभग 12 वर्ष का समय लगता है. वर्तमान में बृहस्पति मेष राशि में विराजमान है.
1 मई को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर बृहस्पति वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे. बृहस्पति के वृषभ राशि में प्रवेश के साथ ही कुछ राशियों के जातकों की किस्मत खुल जाएगी. वहीं, कुछ राशि के जातकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि बृहस्पति के वृषभ राशि में प्रवेश के साथ किन राशियों की चमकेगी किस्मत…
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वृषभ राशि
बृहस्पति 1 मई को वृषभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. जिससे वृषभ राशि के लग्न भाव में बेहद शुभ कुबेर योग का निर्माण हो रहा है. इस संयोग के कारण इस राशि के जातकों की भौतिक सुखों की इच्छाएं पूर्ण होंगी. नौकरी में तरक्की के साथ धन के नए स्रोतों की शुरुआत होने की संभावना है. इंक्रीमेंट और बोनस भी मिलने के चांस हैं. बृहस्पति के वृषभ राशि में प्रवेश करने के साथ जातकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी. गुरु के कारण इस राशि वालों की करियर में चली आ रही समस्याएं खत्म होंगी.
कर्क राशि
बृहस्पति के वृषभ राशि में प्रवेश करने के बाद कर्क राशि वालों के ऊपर गुरु की विशेष कृपा रहेगी. इस वजह से संतान की ओर से कोई सुखद समाचार मिल सकता है. धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी. घर में सुख शांति बरकरार रहेगी. आय के नए स्रोत खुलेंगे. व्यापार में बढ़त होगी. वहीं, ग्याहरवें भाव में कुबेर योग बन रहा है, जिससे आर्थिक स्थिति अच्छी होगी. इस समय में पदोन्नति के साथ बोनस मिलने की भी संभावना है.
कन्या राशि
बृहस्पति के वृषभ राशि में प्रवेश करने के बाद से कन्या राशि वालों के लिए कुबेर योग शुभ साबित होगा. इस दौरान कन्या राशि के जातकों को अपार धन की प्राप्ति होगी. भौतिक सुखों में कोई कमी नहीं आएगी. करियर में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. व्यापार के सिलसिले में विदेश यात्रा संभव है. सामाजिक मान सम्मान में वृद्धि होगी. घर में सुख शांति बरकरार रहेगी.
(अस्वीकरण: लेख में दी गई जानाकारी ज्योतिष गणनाओं और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर लिखी गई हैं. द प्रिंट लाइंस इसकी पुष्टी नहीं करता है.)