भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर, जहां प्रवेश द्वार पर दिखती है 8 तीर्थ स्थलों की झलक; जानिए

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Kailasanathar Temple: हमारे देश भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है. देश के हर राज्य में तमाम मंदिर हैं. हर मंदिर की अपनी मान्यता है. देश के हर कोने में आपको एक से बढ़ के एक मंदिर मिल जाएंगे, जो उस राज्य के संस्कृति के बारे में बताते हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो देश ही नहीं पूरी दुनियां में प्रसिद्ध हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये मंदिर वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है.

कांचीपुरम के रत्न के नाम से जाना जाता है

हिंदू धर्म में तमिलनाडु के कांचीपुरम को पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है. राज्य के इस शहर को मंदिरों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, पर स्थित कैलाशनाथर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. ये मंदिर अपने आप में काफी खास है. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव, भगवान विष्णु, देवी, सूर्य, गणेश जी और कार्तिकेय की उपासना के लिए कराया गया था. इस मंदिर को कांचीपुरम का रत्न के नाम से भी जाना जाता है. जानकारी के मुताबिक यह मंदिर करीब 1300 साल पुराना है. इस मंदिर की संरचना से यहां आने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.

8 तीर्थ स्थलों की दिखती है झलक

आपको बता दें कि तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित कैलाशनाथर मंदिर आधुनिक वास्तुकला का सटीक उदाहरण है. इस मंदिर की एक ऐसी खासियत है जो इसको अन्य मंदिरों से काफी अलग बनाती है. जानकारों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण पत्थरों के टुकड़ों को आपस में जोड़कर किया गया था. इतना ही नहीं इस मंदिर परिसर में कुल छोटे-छोटे 58 मंदिर हैं. वहीं, इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर बनी दीवार पर 8 तीर्थ क्षेत्र हैं.

जो 8 तीर्थ क्षेत्रों का निर्माण कराया गया है उनमें दो प्रवेश द्वार के बाईं ओर हैं जबकि 6 दाईं ओर बने हैं. मंदिर के गर्भगृह के ऊपर द्रविड़ वास्तुकला में विमान का भी निर्माण कराया गया है. इस मंदिर के गर्भगृह में एक शानदार और अद्भुत विशालकाय शिवलिंग स्थापित है. मंदिर के गर्भगृह के चारों दीवारों पर भगवान शिव के लिंगोद्भव, उर्ध्व तांडव मूर्ति, त्रिपुरान्तक और हरिहर जैसे रूपों को उकेरा गया है.

शिवरात्रि पर लगती है भारी भीड़

आपको जानना चाहिए कि कांचीपुरम में स्थित कैलाशनाथर मंदिर देवों के देव महादेव को समर्पित है. इस लिहाज से यहां हर सोमवार भक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं. सावन के महीने में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. कई अन्य त्योहारों में यहां पर भक्तों का मेला लगा रहता है.

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