Kanya Pujan Vidhi: नवरात्रि के आखिरी दिन इस विधि से करें कन्या पूजन, खुश हो जाएंगी मां दुर्गा

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Kanya Pujan Vidhi, Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि को लेकर इन दिनों घरों से लेकर मंदिरों तक मां भगवती के भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. 12 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का समापन हो जाएगा. पुराणों में नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन आवश्यक बताया गया है. क्योंकि, ऐसी मान्यता है कि कन्या पूजन के बिना नवरात्र व्रत अधूरा माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्रि में कैसे करें कन्या पूजन और क्या है इसका महत्व…?

कन्या पूजन महत्व

दरअसल, नवरात्रि के नौ दिनों के व्रत को तभी पूर्ण माना जाता है, जब भक्त हवन अनुष्ठान करने के साथ कन्या पूजन करें. उसके बाद पारण करें. परंपरा के अनुसार, कुछ लोग अष्टमी तो कुछ लोग नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करते हैं. कन्या पूजन में 10 वर्ष से कम आयु वाली कन्याओं को बुलाने का विधान है.

धार्मिक मान्यता के मुताबिक, अगर कोई भक्त 1 कन्या की पूजा करता है तो, उसे सौभाग्य की प्राप्ति होती है. यदि 2 कन्याओं का पूजन किया जाए तो, मोक्ष प्राप्त होता है. वहीं, 9 कन्याओं का पूजन करने से सर्वोच्चता का आशीर्वाद मिलता है. अगर साधक पूरे विधि-विधान से कन्याओं की पूजा करता है तो, उसके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती. इसके अलावा वो हर तरह के दोष से मुक्त हो जाता है.

ऐसे करें पूजन

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भक्त अपने सामर्थ्य के हिसाब से कन्याओं को भोजन करा सकते हैं. बस मन में सच्ची आस्था होनी चाहिए. आइए जानते हैं कैसे कन्या पूजन करना चाहिए.

कन्या पूजन विधि

कन्या पूजन करने से एक दिन पहले ही कन्याओं को आमंत्रित करें. अगर आप अष्टमी को कन्या पूजन कर रहे हैं तो सप्तमी तिथि को कन्याओं को आमंत्रित कर लें और अगर नवमी तिथि को कर रहे हैं तो अष्टमी तिथि को आमंत्रित करें. साथ ही पूरे घर को साफ रखें क्योंकि घर आने वाली कन्याएं मां दुर्गा का प्रतीक हैं. कन्या जब घर आ जाएं तो उनको सीधे भोजन के लिए ना बैठाएं बल्कि पहले दूध या पानी से उनके पांव धोएं. फिर हल्दी व कुमकुम का टीका लगाएं.

  • अब आप कन्याओं को पूर्व दिशा की ओर मुख करके स्वच्छ आसन पर बैठाएं.
  • उनकी कलाइयों में कलावा बांधकर माथे पर कुमकुम लगाएं.
  • भोजन का पहला हिस्सा मां दुर्गा को भेंट करें.
  • सभी कन्याओं को भोजन खिलाएं.
  • उन्हें दुपट्टा या नया वस्त्र उपहार में दें.
  • कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें.
  • अंत में मां दुर्गा को ध्यान करते हुए भूल की क्षमा मांगें.

(Disclaimer: लेख में दी गई जानकारी समान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है, इसकी पुष्टी The Printlines नहीं करता है.)

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