Gemstones: रत्नों के बारें में आपने अवश्य ही सुना या पढ़ा होगा. रत्न बहुमूल्य किस्म के पत्थर होते हैं. इसे रत्ती भी कहा जाता है. ये काफी आकर्षक और प्रभावशाली होते हैं. रत्न का उपयोग फैशन जगत से लेकर ज्योतिष के क्षेत्र तक किया जाता है.
इसका प्रयोग सबसे ज्यादा ज्योतिष क्षेत्र में ही किया जाता है. इसे सभी तरह के लोग पहनते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, रत्नों के साथ ऊर्जाओं और ग्रहों का खास संबंध होता है. तो चलिए जानते हैं कि ज्योतिष में रत्नों का क्या महत्व है और राशि के अनुसार कौन सा रत्न धारण करना चाहिए.
क्या है रत्न?
रत्न बेहद ही कीमती पत्थर होते है. इन्हें धारण करने से कई सारी समस्याएं जैसे बीमारी, आर्थिक तंगी आदि से छुटकारा पाया जा सकता है. इसको धारण कर ग्रहों को भी मजबूत किया जा सकता है. ये रत्न कई वैरायटी के होते है. कुछ कलरफुल होते हैं तो कुछ सादे. कुछ रत्न पारदर्शी होते हैं, वहीं कुछ रत्न अपारदर्शी होते हैं. ये खनिज क्रिस्टल और कार्बनिक मूल की गैर-क्रिस्टलीय सामग्री के पॉलिश और संसाधित टुकड़े होते हैं.
ज्योतिष में रत्नों का महत्व
प्राचीन काल से ही ज्योतिष, आध्यात्मिक और रोगों के उपचार में रत्नों का प्रयोग किया जाता रहा है. रत्न में सकारात्मक शक्तियों और ऊजाओं का समावेश होता है. ज्योतिष के मुताबिक, रत्न का संबंध सीधे ग्रहों से होता है. सभी नौ ग्रहों का संबंध रत्नों से है. जैसे मोती चंद्रमा का रत्न, पन्ना बुध का रत्न, पुखराज गुरु का रत्न, हीरा शुक्र का रत्न, नीलम शनि का रत्न, माणिक्य सूर्य का रत्न, गोमेद राहु का रत्न और लहसुनिया केतु का रत्न है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो रत्नों को पहनने से जब रत्न शरीर को स्पर्श करता है उसका सकारात्मक असर व्यक्ति पर पड़ता है.
क्यों पहनते हैं रत्न?
ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि रत्नों में कई तरह की दैवीय और सकारात्मक शक्तियां होती हैं. रत्नों का प्रयोग ग्रहों की स्थिति को सही करने के लिए किया जाता है. किसी व्यक्ति का भाग्य उसकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की शुभ-अशुभ चाल और दशा पर निर्भर करता है. ऐसे में व्यक्ति की कुंडली में अशुभ ग्रहों को शुभ बनाने या फिर शुभ ग्रहों को और शुभ बनाने के लिए रत्नों को धारण किया जाता है. रत्नों को धारण करने से न सिर्फ ग्रह पक्ष में रहते हैं बल्कि कई तरह के रोगों का निवारण भी करते हैं.
राशियां और उनके रत्न
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सभी 12 राशियों के स्वामी ग्रहों के रत्न होते हैं. मेष और वृश्चिक के स्वामी ग्रह मंगल होते हैं और इनकी रत्न राशि मूंगा है. इसी तरह वृष और तुला के स्वामी ग्रह शुक्र है, इनकी रत्न राशि हीरा है.
मिथुन और कन्या के स्वामी ग्रह बुध हैं और इनका पन्ना रत्न है. धनु और मीन के स्वामी ग्रह बृहस्पति है, इनका पुखराज रत्न है. मकर और कुंभ के स्वामी ग्रह शनि के नीलम है. सिंह राशि के स्वामी सूर्य है और इसका रत्न राशि माणिक्य है. कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं और इनक रत्न मोती होता है.
ये भी पढ़े :- Geeta Gyan: गीता के ये उपदेश देते हैं सफलता के संदेश