प्रभु प्रेम के बिना रूखा है ज्ञान: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, चलो, फटे हुए आकाश को पैबन्द लगायें! आज चारों ओर बिखरी हुई वेदना को देखकर यह प्रश्न स्वतः मन में उपस्थित होता है कि ऐसी स्थिति में मानव कैसे जिए? आज जगह-जगह निराशा भरे उद्गार सुनाई पड़ते हैं, ” हे भगवान ! फटे हुए आकाश पर कहां पैबन्द लगायें। पर, निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है। आकाश फट पड़ा है तो कोई बात नहीं। चलो, हम सब सद्भावना का सुई-धागा हाथ में लेकर फटे हुए आकाश को सीने का प्रयत्न करें।
पृथ्वी पर यदि प्रत्येक मानव हाथ में सुई-धागा लेकर फटे हुए आकाश को सीने का संकल्प प्रयत्न करे तो आकाश की कोई शक्ति नहीं कि वह बिना जुड़े रह सके। इसी तरह अच्छी स्थिति वाला मानव यदि आसपास के असहाय  एवं अनाथ व्यक्तियों को सहारा देने का संकल्प-प्रयत्न करे तो वेदना की कोई ताकत नहीं कि वह मिट न सके। परमात्मा ने यदि आपको अच्छी आर्थिक स्थिति में जीवन जीने का मौका दिया है तो केवल मौज-शौक या कीर्ति लालसा के पीछे अनाप-सनाप पैसा खर्च करना आज से ही बंद करें और आसपास के असहाय व्यक्तियों को गुप्त रीति से मदद करने एवं गिरे हुए को उठाने के भागीरथ प्रयत्न में जुट जायें।
यह ईश्वर का काम है, अतः ईश्वर हमारे-आपके साथ हमेशा रहेगा और संतों के आशीर्वाद हमेशा हम-सब पर बरसते रहेंगे। प्रभु प्रेम के बिना ज्ञान रूखा है।सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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