Kailasanathar Temple: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है. देश के हर राज्य में कई मंदिर हैं, जो अपने आप में कई मान्यताओं के समेटे हुए हैं. विभिन्न मंदिरों की अपनी एक अलग मान्यता है और उनकी बनावट एक से बढ़कर एक है. इस समय सावन का पावन महीना चल रहा है. इस बीच आपको हम कैलाशनाथर मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो केवल देश ही नहीं बल्की पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यह मंदिर वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है…
वास्तुकला से भरा यह मंदिर
तमिलनाडु का कांचीपुरम हिंदूओं के सबसे पवित्र स्थानो में से एक हैं. तमिलनाडु का यह शहर मंदिरों की नगरी के नाम से जाना जाता है. यहीं पर स्थित है कैलाशनाथर मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है. कैलाशनाथर मंदिर अपने आप में काफी खास है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव, भगवान विष्णु, देवी, सूर्य, गणेश जी और कार्तिकेय की उपासना के लिए कराया गया था.
कैलाशनाथर मंदिर को कांचीपुरम का रत्न के नाम से भी जाना जाता है. बताया जाता है कि यह मंदिर करीब 1300 साल पुराना है. इस मंदिर की संरचना से यहां आने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.
बनावट ऐसी जिसमें 8 तीर्थ स्थलों की दिखती है झलक
जानकारी दें कि तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित कैलाशनाथर मंदिर आधुनिक वास्तुकला का सटीक उदाहरण है. इस मंदिर की एक ऐसी खासियत है जो इसको अन्य मंदिरों से काफी अलग बनाती है. जानकारों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण पत्थरों के टुकड़ों को आपस में जोड़कर किया गया था. इतना ही नहीं इस मंदिर परिसर में कुल छोटे-छोटे 58 मंदिर हैं. वहीं, इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर बनी दीवार पर 8 तीर्थ क्षेत्र हैं.
जो 8 तीर्थ क्षेत्रों का निर्माण कराया गया है उनमें दो प्रवेश द्वार के बाईं ओर हैं जबकि 6 दाईं ओर बने हैं. मंदिर के गर्भगृह के ऊपर द्रविड़ वास्तुकला में विमान का भी निर्माण कराया गया है. इस मंदिर के गर्भगृह में एक शानदार और अद्भुत विशालकाय शिवलिंग स्थापित है. मंदिर के गर्भगृह के चारों दीवारों पर भगवान शिव के लिंगोद्भव, उर्ध्व तांडव मूर्ति, त्रिपुरान्तक और हरिहर जैसे रूपों को उकेरा गया है.
सावन और शिवरात्रि पर लगती है भारी भीड़
आपको जानना चाहिए कि कांचीपुरम में स्थित कैलाशनाथर मंदिर देवों के देव महादेव को समर्पित है. इस लिहाज से यहां हर सोमवार भक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं. सावन के महीने में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. कई अन्य त्योहारों में यहां पर भक्तों का मेला लगा रहता है.
(Disclaimer: लेख में दी गई जानकारी सामान्य मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर लिखी गई है. द प्रिंटलाइंस इसकी मान्यताओं की पुष्टी नहीं करता है.)