Shardiya Navaratri 2024: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 03 अक्टूबर से हो गई है. नवरात्रि के सभी 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना करने वाले भक्तों पर मां दुर्गा की कृपा बरसती है और उनके दुख दूर होते हैं.
देश भर में नवरात्र के दौरान मां के तमाम मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है. कई मंदिरों में कई प्रकार की मान्यताएं हैं. मां दुर्गा के कुछ मंदिरों में पूजा की विधि भी एकदम अलग है. इस बीच आपको हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर मां दुर्गा के इस खास उत्सव में ढोल-नगाड़े नहीं बजते हैं बल्कि डंडे और लाठियां बजती हैं. आइए आपको इस मंदिर के बारे में बताते हैं…
मां दुर्गा के मंदिर में बजते हैं डंडे और लाठियां
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मथुरा के छाता गांव में मां दुर्गा का एक मंदिर है, इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पर नवरात्र के दौरान ढोल- नगाड़े नहीं बल्कि लाठी और दंडे बजाए जाते हैं. जानकारी के अनुसार यह मान्यता करीब 700 साल पुरानी है. इसका नाम है नरी सेमरी मंदिर. यहां पर नवरात्रि के दौरान एक अलग ही धूम देखने को मिलती है. नवरात्रि के समय यहां पर मां के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.
मान्यता के बारे में जानिए
ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में नवरात्रि के आखिरी दिन डंडे और लाठियां बजाईं जाती हैं. ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और भक्तों पर कृपा बरसाती है. पिछले करीब 700 सालों से ऐसा किया जाता रहा है. मान्यताओं के अनुसार मंदिर में स्थित प्रतिमा को लेकर सिसोदिया और यधुवंशी ठाकुरों के बीच लड़ाई-झगड़ा हो गया था. इस दौरान खूब लाठी-डंडे चले जिसके अंत में यधुवंशी ठाकुरों की जीत हुई. उसी समय से यहां पर पूजा के दौरान दीवार, फर्श और मंदिर की घंटियों पर लाठी-डंडा बजाए जाते हैं. कहा यह भी जाता है कि मंदिर में वैसे तो जो माता रानी की मूर्ति है वो सालभर टेढ़ी रहती है लेकिन राम-नवमी के दिन ये सीधी हो जाती है. इसलिए इस दिन माता रानी की पूजा करने का विशेष महत्व है.
(अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. ‘The Printlines’ इसकी पुष्टि नहीं करता है.)