वाणी पर संयम रखने से बहुत सी समस्याएं हो जायेंगी दूर: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ज्ञान तो कुएं की भांति है, उलीचते रहो। उलीचते रहो। कुआं भी भयभीत नहीं होता कि कोई और ले गया तो फिर मेरा क्या होगा? गुण औरों के देखें और दोष अपने देखें। सुनो ज्यादा और बोलो कम। वाणी पर संयम रखने से बहुत सी समस्याएं दूर हो जायेंगी। जब तक माता से मातृत्व बोल रहा हो, पिता से पितृत्व बोल रहा हो और गुरु से गुरुत्व बोल रहा हो, बिना विचारे उस कार्य को करना चाहिए।
अगर माँ से मातृत्व न बोले, पिता से पितृत्व न बोले और गुरु से गुरुत्व नहीं बोल रहा हो तो उस आज्ञा का पालन नहीं हुआ है। इसका प्रमाण हमारे शास्त्रों ने दिया है। उदाहरण – श्रीप्रहलादजी और राजा बलि हैं। भागवत रामायण आदि सदग्रंथों को पढ़ने और समझने में फर्क है। समझने के लिए तीन चीजें चाहिए। श्रद्धा संत का साथ और प्रभु में प्रेम। ज्ञान की प्यास का नाम है जिज्ञासा, मुक्ति की प्यास का नाम है मुमुक्षा और भगवान की प्यास का नाम है भक्ति।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
Latest News

Gorakhpur: युगांक त्रिपाठी के यज्ञोपवीत संस्कार में भारत एक्सप्रेस के CMD उपेन्द्र राय, कवि कुमार विश्वास समेत कई हस्तियों ने की शिरकत

Gorakhpur: उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में विख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास, योगगुरु कैलाशानंद गिरी जी महाराज, भारत एक्सप्रेस के...

More Articles Like This

Exit mobile version