Modi Oath Ceremony 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की नेतृत्व वाली एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला है. शुक्रवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया. वहीं, अब 09 जून यानी रविवार को मोदी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होना है. रविवार को होने वाले प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण की तैयारियां चल रही हैं. काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य की मानें तो जिस दिन नरेंद्र मोदी पीएम पद की शपथ लेगें. उस दिन एक साथ 5 शुभ संयोग बन रहे हैं. आइए जानते हैं इसका महत्व…
एक साथ बन रहें 5 शुभ संयोग
दरअसल, हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ अशुभ मुहूर्त देखा जाता है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इन शुभ मुहूर्तों में किए गए कार्यों में किसी प्रकार की बाधा नहीं उत्वन्न होती है. काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य के अनुसार रविवार, 9 जून के दिन 5 शुभ संयोगों में पहला वृद्धि योग, दूसरा पुनर्वसु नक्षत्र, तीसरा रवि पुष्य योग, चौथा रवि योग और पांचवा सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा.
वृद्धि योग
9 जून यानी शपथ ग्रहण के दिन सुबह से लेकर शाम 05 बजकर 21 मिनट तक वृद्धि योग रहेगा. वहीं, उसके बाद ध्रुव योग का संयोग शुरू हो जाएगा. वृद्धि योग में आप जो भी कार्य करते हैं, उसके फल में वृद्धि होती है. वहीं, ध्रुव योग भी शुभ योगों में शामिल है.
रवि पुष्य योग
रविवार के दिन रवि पुष्य योग बन रहा है, जो रविवार शाम 08:20 पीएम से 10 जून को सुबह 05:23 ए एम तक रहेगा. रविवार के दिन जब पुष्य नक्षत्र होता है तो रवि पुष्य योग बनता है. इस योग में देव गुरु बृहस्पति और सूर्य दोनों का शुभ प्रभाव देखने को मिलता है. इस दौरान आप जो भी शुभ कार्य करते हैं, वह सफल सिद्ध होता है.
रवि योग
9 जून के दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है. इस दिन रवि योग शाम 08:20 पी एम से अगले दिन सुबह 05:23 ए एम तक है. इस योग के दौरान सूर्य का प्रभाव सबसे अधिक होता है, जो सभी प्रकार के दोषों से मुक्त करता है.
सर्वार्थ सिद्धि योग
हिंदू धर्म में सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे, वह सफल सिद्ध होता है. शपथ ग्रहण वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग 08:20 पी एम से लेकर 10 जून को प्रात: 05:23 ए एम तक है.
पुनर्वसु नक्षत्र
रविवार को पुनर्वसु नक्षत्र का भी संयोग रहेगा. वैदिक ज्योतिषशास्त्र में पुनर्वसु नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में शुभ माना जाता है. पुनर्वसु नक्षत्र नए कार्यों को शुरू करना बहुत ही शुभ माना जाता है. 9 जून को पुनर्वसु नक्षत्र सुबह से लेकर रात 08:20 पी एम तक है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी ज्योतिष विशेषज्ञ द्वारा दी गई जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)