Durga Saptshati Mantra: शक्ति के उपासना का पर्व नवरात्रि चल रहा है. मां दुर्गा के भक्त कृपा पाने के लिए नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा उपाय करते हैं. आज नवरात्रि का सातवां दिन है. वहीं, कल यानी मंगलवार को महाअष्टमी का व्रत रखा जाएगा. नवरात्रि में पड़ने वाली अष्टमी का विशेष महत्व है. काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य की मानें तो अगर कोई नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी मां की पूजा आराधना विधि विधान से नहीं कर पाएं हों, वो यदि नवरात्रि अष्टमी के दिन कुछ उपाय को करते हैं तो उन्हें पूरे नवरात्रि का फल मिलेगा और मां दुर्गा की कृपा से उनके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे.
दुर्गा सप्तशती का प्रभाव
दरअसल, नवरात्रि में शक्ति के उपासना के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ बहुत प्रभावशाली माना गया है. दुर्गासप्तशती की रचना मार्कंडेय ऋषि ने की थी. दुर्गा सप्तशती पाठ का एक-एक श्लोक एक महामंत्र है. ऐसी मान्यता है कि इन मंत्रों का पाठ करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा बरसती है और हमारी सभी दुःख परेशानी स्वतः समाप्त हो जाती हैं. इसी वजह से नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत शुभ माना गया है.
अष्टमी के दिन करें ये उपाय
हालांकि, आज के इस भागदौड़ भरी दुनिया में कई बार भक्तों के लिए दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ करना संभव नहीं होता है, ऐसे में वे रोजाना इसके कुछ अध्याय पढ़ते हुए, कुछ दिनों में दुर्गा सप्तशती पाठ पूरा करते हैं. वहीं, कुछ लोग रोजमर्रा की जरुरतों को पूरा करने के चक्कर में दुर्गा सप्तशती का इस तरह भी पाठ नहीं कर पाते हैं. काशी के ज्योतिष की मानें तो जो लोग नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते हैं, वे लोग अष्टमी के दिन दुर्गा सप्तशती के कुछ प्रभावशाली मंत्रों का जाप कर मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती के इन मंत्रों के बारे में…
दुर्गा सप्तशती के 7 महामंत्र
1 – ऐश्वर्य पाने शत्रु से निजात पाने का मंत्र
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥
2 – सर्वकल्याण मंत्र
सर्व मंगलं मांगल्ये शिवे सर्वाथ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥
3 – सारी बाधाएं दूर करने वाला मंत्र
सर्वबाधा प्रशमनं त्रेलोक्याखिलेशवरी।
एवमेय त्वया कार्यमस्माद्वैरि विनाशनम्॥
4 – बाधा मुक्ति और धन-पुत्र प्राप्ति मंत्र
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय॥
5 – सौभाग्य प्राप्ति का मंत्र
देहि मे सौभाग्यमारोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
6 – रोगनाशक मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टातुकामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥
7 – भय नाश करने का मंत्र
सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते॥
एतत्ते वदनं सौम्यं लोचनत्रयभूषितम्।
पातुन: सर्वभीतिभ्य: कात्यायनि नमोस्तु ते॥
मंत्र जाप के नियम
काशी के ज्योतिष के मुताबिक, दुर्गा सप्तशती मंत्र का जाप करने के कुछ नियम हैं. जिन्हें फॉलो करने पर ही मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है. शास्त्रों में दिए नियमों के अनुसार दुर्गा सप्तशती मंत्र जाप करने के लिए अपनी आवश्यकता के अनुसार मंत्र का चुनाव करें. फिर अष्टमी के दिन उस मंत्र का कम से कम 3 माला जाप करें. मंत्र जाप लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से करें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)