मन को जीतने वाला ही बन सकता है जगत विजेता: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, एक सिक्के के दो पहलू- जो सुख भोगता है, उसे दुःख भोगना ही पड़ता है।जिसके सिर पर भगवान की जगह अभिमान बैठा है, वह बहुत दुःख पाता है। जो ईश्वर का उपकार भूलता है, वह कभी सुखी नहीं होता। जिसके साथ आप खूब प्रेम का व्यवहार करेंगे, वही आपको रुलायेगा।
कुछ लोग अत्यधिक सोने से दुःखी, तो कुछ भोजन न मिलने के कारण दुःखी हैं। कुछ लोगों को अज्ञान दुःख देता है, तो कुछ लोगों को ज्ञान का अभिमान दुःख देता है। आनंद की खोज में बाहर चक्कर लगाने वाला दुःखी होता है। इंद्रियों का अपार सुख भोगने वाला भीतर तो महान दुःखी होता है।
प्रभु-स्मरण- सांसारिक काम करते-करते परमात्मा को भूल न जाएँ इसका हमेशा ख्याल रखना है। लोग दुःखी हैं, क्योंकि लोग परमात्मा को भूल गये हैं, उनके उपकार को भूल गये हैं। जो आज तक अपना नहीं हुआ और आगे भी नहीं होने वाला है, उस जगत की बहुत याद नहीं करना चाहिये ऐसा निश्चय करो।
जो पहले भी अपने थे, आज भी अपने हैं और हमेशा अपने रहेंगे, ऐसे परमात्मा का ही सतत स्मरण करना चाहिए। जो ईश्वर को भीतर ढूंढने की बजाय बाहर ढूंढते हैं,उनकी फजीहत होती है। वर्ष में कम से कम एक-आध महीना तो तीर्थ में जाकर प्रभु का भजन अवश्य करो। ईश्वर वाणी का विषय नहीं है। वह तो जीवन में अनुभव करने एवं साक्षात्कार प्राप्त करने का विषय है।
मानव का मन- मन को मजबूत बनाने वाला एकमात्र औषधि मंत्रजप है। मन पर झूठा विश्वास करने वाला ही फंस जाता है। मन जब अति शुद्ध होता है, तभी प्रभु मिलन की तीव्र इच्छा पैदा होती है। मन बड़ा होगा तो ही परिवार एवं जीवन में शांति रह सकेगी। मन को जीतने वाला ही जगत विजेता बन सकता है। मन को सख्ती से नहीं प्रेम से समझा समझाकर बस में रखो। मन को वासना रहित बनाने पर ही शांति मिल सकती है। चंचल मन को संकीर्तन द्वारा स्थिर बनाओ। मन प्रभु में रखो, तन सेवा में रखो। पश्चाताप के आंसू से मन का मैल धुलता है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना,। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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