Parshuram Jayanti 2024: इस दिन मनाई जाएगी परशुराम जयंती, जानिए भगवान विष्णु ने क्यों लिया परशुराम अवतार

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Parshuram Jayanti 2024: देशभर में भगवान परशुराम की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया को भगवान परशुराम की जयंती मनाते हैं. इसे परशुराम द्वादशी भी कहा जाता है. इसी तिथि पर अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है. भगवान परशुराम को साहस, वीरता और शौर्य का प्रतीक माना जाता है.

भार्गव वंश में जन्‍मे भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, उनका जन्म त्रेतायुग में हुआ था. कालांतर में भगवान परशुराम चिरंजीवी माने गए हैं. मान्‍यता है कि परशुराम जी की पूजा करने वालों को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है. साथ ही शत्रु पर विजय प्राप्‍त होती है. आइए जानते हैं इस साल परशुराम जयंती की सही तिथि और शुभ मुहूर्त.

परशुराम जयंती 2024 तारीख

इस साल परशुराम जयंती 10 मई 2024, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाएगी. परशुराम जी ने ब्राह्मणों-ऋषियों पर होने वाले अत्याचार का अंत किया था. भारत के पश्चिमी तट पर भगवान परशुराम के कई मंदिर हैं.

परशुराम जयंती 2024 मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 मई 2024, दिन शुक्रवार को सुबह 04.17 बजे पर शुरू होगी. इस तिथि का समापन अगले दिन 11 मई 2024 को प्रात: 02.50 बजे पर होगा. इस तिथि को प्रदोष व्यापिनी रूप में ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि भगवान परशुराम का प्राकट्य काल प्रदोष काल ही है. इसलिए भगवान परशुराम की पूजा शाम के समय में करना बेहतर होगा.  .

  • पूजा का समय –सुबह 14 – सुबह 08.56 बजे
  • प्रदोष काल पूजा –शाम 21 – रात 07.02 बजे

नारायण ने क्यों लिया परशुराम अवतार

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने पापी, विनाशकारी तथा अधार्मिक राजाओं का नाश कर धरती मां का भार हल्‍का करने के लिए परशुराम जी के रूप में 6वां अवतार धारण किया था. इनका जन्‍म ऋषि जमदग्नि और उनकी पत्‍नी रेणुका से हुआ था. इनके क्रोध से देवी-देवता भी थर-थर कांपते थे.

एक कथा के अनुसार, भगवान परशुराम ने क्रोध में आकर गणेशजी का दांत तोड़ दिया था. वीरता और शौर्य की अनगिनत कहानियाँ उनके जीवन में व्याप्त हैं, जो उन्हें हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनाती हैं. भक्त परशुराम जी की विरासत का सम्मान करने और उनकी धार्मिकता और साहस की शिक्षाओं से प्रेरणा लेने के लिए, बड़ी श्रद्धा के साथ परशुराम जयंती मनाते हैं.

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