Puja Path Rules: पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्महकता का संचार होता है. ज्यादातर लोग मन की शांति और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं. लेकिन, कई बार पूजा करते समय लोग अंजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनका मन अशांत रहता है. वास्तुज शास्त्रम में घर के मंदिर को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिसका ध्यान प्रत्येहक व्यक्ति को रखना चाहिए. तो आइए जानते हैं…
पूजा करते समय दिशा का विशेष रूप से रखें ध्यान
वास्तु शास्त्र की मानें तो पूजा करते समय साधक का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से साधक को पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है. ऐसा कहा जाता है कि पूर्व दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है. यही कारण है कि इस दिशा को सकारात्मऐकता का प्रतीक भी माना जाता है.
आसन पर बैठकर करें पूजा
साधक को पूजा करते समय जमीन पर आसन बिछाकर सीधा बैठना चाहिए. साधक को कभी भी पूजा करते समय खाली जमीन पर नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि इससे पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है. इसके अलावा अपनी पूजन सामग्री को भी चौकी पर रखें.
मंदिर बनवाने का तरीका
आप अगर अपने घर में मंदिर बनवाना चाहते हैं, तो इस बात का विशेष रूप से ख्या ल रखें कि मंदिर की ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दोगुनी हो. साथ ही उसके आस-पास गंदगी न हो. न ही मंदिर सीढ़ी के नीचे बना हो. क्योंकि ऐसा पूजाघर आपके घर में भारी वास्तुब दोष उत्पन्न कर सकता है.
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