Jagannath Mandir: जगन्‍नाथ मंदिर में और सख्त हुई पहरेदारी, गैर हिंदू होने के शक पर पूछा जाएगा ये सवाल?

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Jagannath Mandir News: हिंदू धर्म में चार धाम (बद्रीनाथ, द्वारिका, रामेश्वरम और पुरी) को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है, जिसमें एक जगन्नाथ पुरी भी शामिल है. जगन्‍नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं का प्रवेश शुरू से ही वर्जित है. लेकिन बीते कुछ दिनों से यहां जगन्‍नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश की कुछ घटनाएं सामने आईं हैं.

बीते कुछ दिनों में 3 गैर हिंदुओं ने मंदिर प्रशासन की आंखों में धूल झोककर मंदिर में प्रवेश कर लिया. इनमें 2 विदेशी नागरिक भी शामिल थे. जिन्‍हें बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया. इन घटनाओं को देखते हुए जगन्नाथ मंदिर के चारों तरफ सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जगन्नाथ मंदिर पुलिस के अलावा इन द्वारों पर सेवकों को भी तैनात किया जाएगा.

जगन्नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं के बार-बार प्रवेश के बाद मंदिर प्रशासन अलर्ट हो गया है. आज यानी 14 अप्रैल से सिंहद्वार में जगन्नाथ टेंपल पुलिस (जेटीपी) के साथ प्रतिहारी सेवकों को भी सुरक्षा में तैनात करने की अनुमति मिल गई है. ये सिंह द्वार पर पहरा देंगे और गैर-हिंदुओं पर नजर रखेंगे.

गैर हिंदू होने के शक में पूछे जाएंगे ये सवाल?

जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के मुताबिक, ये सेवक मंदिर में प्रवेश कर रहे श्रद्धालुओं पर नजर रहेंगे और उनके गैर-हिंदू होने पर उनकी जांच करेंगे. इसके लिए उनका पहचान पत्र देखने के अलावा उनसे हिंदू धर्म से जुड़ी आस्‍था पर सवाल पूछे जा सकते हैं. साथ ही उनसे उनका गोत्र भी पूछा जा सकता है. ताकि यह पुष्टि हो सके कि वे हिंदू ही हैं.

 

जानिए मंदिर में प्रवेश के नियम

आपको बता दें कि जगन्‍नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के ड्रेस कोड संबंधी नियम भी हैं. यहां मंदिर में प्रवेश के लिए हिंदू होेने के साथ-साथ पुरुषों के लिए पैंट-शर्ट, धोती-कुर्ता जैसे परिधान और महिलाओं को साड़ी, सलवार-समीज पहनने की अनिवार्यता है. जिसका पालन मंदिर में आने वाले करीब 80 प्रतिशत भक्‍त करते हैं.

इंदिरा गांधी को भी नहीं मिला था प्रवेश 

ज्ञात हो कि पुरी के जगन्‍नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं को प्रवेश ना देने की परंपरा सदियों पुरानी है. इसी वजह से देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी पुरी के मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था. क्‍योंकि, उन्‍होंने मुस्लिम व्‍यक्ति से शादी की थी. उन्‍हें रघुनंदन पुस्तकालय से पूजा-अर्चना करके ही लौटना पड़ा था. इसी तरह स्विस महिला एलिजाबेथ जिगलर को भी जगन्‍नाथ मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था. हालांकि उन्‍होंने मंदिर को 1.78 करोड़ रुपए दान में दिए थे.

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