Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन पूजन अथवा घर बैठे उनका स्मरण कर लेना, एकादश रुद्र और द्वादश ज्योतिर्लिंग का स्मरण विशेष फलदायी है. द्वादश ज्योतिर्लिंग – वर्ष में बारह मास है. जीवन चक्र भी इसी संवत्सर से चलता है. सुरभि से उत्पन्न कश्यप के यहाँ हैं एकादश रुद्र प्रकट हुए। इनकी उपासना से दस इंद्रिय और एक मन से होने वाले पाप समाप्त हो जाते हैं.
1-सौराष्ट्रे सोमनाथं च – सौराष्ट्र में सबसे पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव के नाम से प्रकट हुआ. इस ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से क्षय रोग ठीक हो जाता है.
2-श्रीशैलेमल्लिकार्जुनम् – तेलुगु भाषा में मल्लिका नाम है भगवती पार्वती जी का. भगवान शंकर का एक नाम है अर्जुन. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन,पूजन से पुत्र शोक नहीं होता और है तो समाप्त हो जाता है.
3. उज्जयिन्यां तु महाकालं – महाकाल भगवान ही महामृत्युंजय हैं. महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ होता है जैसे पकने के बाद फल लता से छूट जाता है. वैसे ही शिव की आराधना करने वाला मृत्यु से छूट जाता है, लेकिन अमृत से जुड़ जाता है. अमृत से कभी नहीं छूटता. अमृत नाम है भगवान का.
4. ओमकारं ममलेश्वरम् – विंध्य पर्वत पर ज्योतिर्लिंग है. दो रूपों में ज्योति प्रकट हुई. श्री ओंकारेश्वर और परमेश्वर जिसको अमलेश्वर भी कहते हैं.
5. केदारं तु हिम्वतपृष्ठे
6. डाकिन्यां भीम शंकरः- कामरु देश में भी शंकर महादेव का वास है.
7. वाराणस्यां तु विश्वेषं – काशी में भगवान विश्वनाथ के रूप में विराज रहे हैं. जिसका कोई नाथ नहीं उसका बाबा विश्वनाथ.
8. त्रयंबकं गौतमी तटे – ये ब्रह्मगिरी नामक पर्वत पर भगवान त्रंबकेश्वर महादेव के रूप में विराजमान हुए.
9. परल्यां बैद्यनाथं च – बाबा बैद्यनाथ धाम में भगवान शिव वैद्यनाथ महादेव के रूप में विराज रहे हैं. कावड़ की महिमा विशेष रूप से बैद्यनाथ धाम में ही है.
10. नागेशं दारूका वने – यह ज्योतिर्लिंग भी गुजरात सौराष्ट्र में ही विद्यमान है. भगवान अपने भक्त के लिए वहां प्रकट हुए, भक्तों के सर्व मनोरथ पूर्ण करने वाले हैं.
11. सेतुबंधे तु रामेशं – श्री रामेश्वर महादेव की स्थापना भगवान श्री राम ने स्वयं किया.
12. घुस्मेशं तु शिवाले – यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में है. ये द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा जो पढ़ेंगे,सुनेंगे वे इस लोक में सुख भोगकर और अंत में परमधाम को प्राप्त करेंगे. सभी हरि भक्तों को तीर्थगुरु पुष्कर आश्रम एवं साक्षात् गोलोकधाम गोवर्धन आश्रम के साधु-संतों की तरफ से शुभ मंगल कामना. श्रीदिव्य घनश्याम धाम श्रीगोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्रीदिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट, ग्रा. पो. गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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