Ram Mandir Ayodhya: आखिर वो दिन आ ही गया जिसका इतंजार हर एक सनातनी कर रहा था. 500 साल के अंतराल के बाद लाखों लोगों के अराध्य प्रभु श्री राम अयोध्या राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) में विराजमान हो जाएंगे. 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) की जाएगी. देशभर में लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए पारंपरिक रूप से निमंत्रण पत्र के साथ पीले चावल भेजे जा रहे हैं, लेकिन कई लोग असमंजस में हैं कि इस पीले अक्षत का क्या करना है. आइए हम आपको बताते हैं कि पीले अक्षत का इस्तेमाल कैसे करें.
क्या है अक्षत का धार्मिक महत्व?
सनातन धर्म में अक्षत का विशेष महत्व होता है. अन्न के रूप में चावल श्रेष्ठ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चावल शुक्र ग्रह का प्रतीक होता है. शुक्र ग्रह का संबंध यश-किर्ति, धन-वैभव और सुख-सुविधाओं से होता है. अक्षत का अर्थ होता है, जिसे कोई क्षति न हो. ऐसे में राम मंदिर से आए पीले अक्षत को लाल रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें. इससे घर मां लक्ष्मी का वास होता है. साथ ही व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं. चावल का सफेद रंग सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है.
ऐसे करें अक्षत का प्रयोग
शुभ कार्य में इस्तेमाल
राम मंदिर से आए पीले अक्षत को बेहद ही शुभ माना जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस चावल को मांगलिक कार्यों में प्रयोग करें. आप इसे तिलक के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसा करने से आपको हर काम में सफलता मिलेगी.
खीर बनाएं
आप इन चावल की खीर बना सकते हैं. रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद उस खीर का भगवान को भोग लगाएं. फिर आप उसे लोगों को प्रसाद के रूप में बांट दें. इससे रिश्तों में मिठास बढ़ती है.
पहली रसोई में करें प्रयोग
अगर आपके घर में विवाह होने वाला है, तो दुल्हन इन चावलों का प्रयोग पहली रसोई में कर सकती है. माना जाता है कि इससे रिश्तों में मिठास बढ़ती है. साथ ही घर में मां अन्नपूर्णा का वास होता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)