Ram Navami 2024: सनातन धर्म में राम नवमी का विशेष महत्व है. रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था. प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को राम नवमी का त्योहार मनाया जाता है. इस साल ये पर्व काफी खास रहने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि अयोध्या में बने राम मंदिर में पहली बार राम लला का जन्मोत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है. इस खास दिन पर राम नगरी में कई आयोजन किए जाएंगे.
रामनवमी के दिन होने वाले कार्यक्रमों में सबसे ज्यादा खास भगवान राम का ‘सूर्य तिलक’ है. ठीक दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणों से भगवान राम के ललाट पर सूर्यतिलक होगा.
इसको लेकर राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया,”हमने राम नवमी पर यहां आने वाले सभी भक्तों के लिए भगवान राम के ‘दर्शन’ की सुविधा सुनिश्चित की है. हम अभ्यास कर रहे हैं कि सूर्य की किरणें दोपहर 12.16 बजे 5 मिनट के लिए भगवान के माथे पर पड़े. हम इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्था कर रहे हैं और इसे सफल बनाने के लिए ट्रस्ट और वैज्ञानिक मिलकर काम कर रहे हैं. निर्माण कार्य चल रहा है और हम आश्वस्त हैं दिसंबर 2024 तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.”
#WATCH | Ayodhya, UP: On Lord Ram's 'Surya Tilak' on Ram Navami, Ram Mandir Nirman Samiti Chairman Nripendra Misra says, "We have ensured the facilitation Lord Ram's 'Darshan' for all the devotees visiting here on Ram Navami… We are practising that the sun rays fall on Lord's… pic.twitter.com/zrgjqVySx7
— ANI (@ANI) April 15, 2024
रामनवमी के लिए खास इंतजाम
इस साल अयोध्या में राम नवमी के दिन भव्य आयोजन किए जाएंगे. इस साल लाखों की संख्या में भक्तों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है. हर साल रामनवमी के दिन 2 से ढाई लाख रामभक्त अयोध्या पहुंचते हैं. इस साल ये संख्या 20 लाख से भी ज्यादा हो सकती है. इसको देखते हुए अयोध्या में खास इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं, राम नवमी को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट ने पूरी गाइडलाइंस जारी की है. आप भी जान लीजिए…
- रामलला के वस्त्र बदलना और भोग लगाना यह सब चलते रहेंगे और साथ ही रामलला के दर्शन भी चलते रहेंगे.
- लोकाचार है कि भगवान का भोग एकांत में होना चाहिए.
- वस्त्र पहनने का काम दो-चार मिनट के लिए होगा, भोग लगाने के लिए वस्त्र पहनाने के लिए, अधो वस्त्र पहनाने तक के लिए पर्दा रहेगा.
- भगवान को चार बार भोग लगता है- प्रातः काल 6:30 बजे उसके पश्चात 9:00 बजे का भोग, जिसे निवेद कहते हैं.
- दोपहर को 12:30 बजे फिर शाम को 4:00 बजे भोग लगेगा, यह अल्पकालिक क्रिया हैं, इसमें 2 मिनट से 5 मिनट तक का वक्त लगता है. तबतक धैर्य रखना होगा.
- भारतवर्ष से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं से हम हाथ जोड़कर निवेदन करेंगे कि भगवान का भोग लगाने, वस्त्र पहनाने के लिए चार बार थोड़ा वक्त देना होगा.
- भगवान को वस्त्र बदलना वस्त्र पहनाना और उस समय लगे परदे के लिए थोड़ा सा धैर्य रखना होगा. 5 मिनट में पर्दा खुल जाएगा दर्शन चलते रहेंगे.
- प्रातः काल श्रृंगार आरती के बाद मंगला आरती के बाद भगवान का श्रृंगार, पूजा सब चलती रहेगी और दर्शन भी चलते रहेंगे.
- दोपहर को 12:00 बजे के पहले भगवान का अभिषेक होगा, उत्सव मूर्तियों का अभिषेक होता रहेगा, रामलला के वस्त्र बदलने का काम चलेगा दर्शन भी चलेंगे.
- अभी 9:30 बजे प्रवेश बंद हो जाता है, मगर रामनवमी के दिन, 17 तारीख को दर्शन रात्रि 11:00 बजे तक होंगे.
- अगर हम दर्शन सुबह 3:30 से या 4:00 बजे से प्रारंभ करें तो यह लगभग 19 घंटे का होगा, सब मिलाकर दर्शन 19 घंटे तक होंगे.
- 18 तारीख से फिर वही पुरानी व्यवस्थाएं चालू हो जाएगी जो 15 और 16 को रहेंगी.
- दर्शनार्थी अपना मोबाइल, जूता-चप्पल, बड़े बैग और प्रतिबंधित सामग्री जितनी दूर हो उतनी दूर रखें.
- अप्रैल 16, 17,18 और 19 को किसी भी तरह के पास जारी नहीं किये जाएंगे.