Navratri Special Story, Chandi Devi Temple Haridwar: मां भगवती के आराधना के महापर्व शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. मां भगवती के सभी शक्तिपीठों में इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. ऐसे में आज हम आपको उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित ऐसे शक्तिपीठ के बारे में बताने जा रहे हैं जहां मां भगवती ने रुद्र चंडी का रूप धारण कर राक्षसों का वध किया.
दर्शन करने मात्र से दूर होते हैं कष्ट!
दरअसल, हम बात कर रहे हरिद्वार के नील पर्वत के शिखर पर स्थित मां चंडी देवी मंदिर की. देश के प्रसिद्ध सिद्ध पीठों में से एक मां चंडी देवी की महिमा का गुणगान विश्व भर में गाया जाता है. नील पर्वत पर स्थित मां चंडी देवी के मंदिर में शारदीय नवरात्रों के दिनों में अलग ही छटा देखने को मिलती है. देश ही नहीं विदेशों से भी माता के भक्त अपनी मुराद लेकर मां चंडी मंदिर में दर्शन करने धर्मनगरी हरिद्वार आते हैं और मां का आशीर्वाद प्राप्त करते है. मंदिर की मान्यता है मां चंडी के दर्शन मात्र से ही लोगों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
भक्तों की मुराद पूरी करती हैं मां चंडी
चंडी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी महंत रोहित गिरी ने बताया कि हरिद्वार के नील पर्वत पर मां चंडी देवी दो रूपों में विराजमान हैं. एक खंभ के रूप में रुद्र चंडी और दूसरा मंगल चंडी के रूप में विराजमान हैं. मान्यता है कि प्राचीन काल में जब पृथ्वी लोक से लेकर देवलोक तक शुंभ निशुंभ राक्षसों का अत्याचार बढ़ गया था. तब देवी देवताओं के आवाहन पर मां भगवती ने रुद्र चंडी का रूप धारण किया और दोनों राक्षसों का वध करके उनके अत्याचार से सभी देवी देवताओं मुक्ति दिलाई. उसके बाद भक्तों के कल्याण के लिए मां चंडी देवी हरिद्वार में नील पर्वत पर खम्ब के रूप में विराजमान हो गई. तब से लेकर आज तक मां अपने भक्तों की मुराद पूरी कर अपने भक्तों का कल्याण करती आ रही हैं.
जानिए महिमा
वैसे तो बारहों महीने मां चंडी देवी के मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. लेकिन नवरात्र के दिनों में मंदिर में अलग ही भक्तों की रौनक देखने को मिलती है. दूर दूर से आने वाले श्रद्धालु माता के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. वहीं भक्तों की मन्नत को पूरी करने के लिए मंदिर में मन्नत का धागा चुनरी बांधने की भी प्रथा है. इसलिए यहां पर माता के भक्त देश विदेशों से भी दर्शन करने आते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां का दर्शन कर उनकी पूजा करता है, उसके जीवन के समस्त दुःख समाप्त हो जाते हैं.
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जानिए कैसे पहुंचे मंदिर
मां चंडी देवी का मंदिर हरिद्वार नील पर्वत के शिखर पर स्थित है. आप हरिद्वार देश के किसी भी कोने से बस और रेल के माध्यम से पहुंचे सकते हैं. यहां नजदीकी एयरपोर्ट जौलीग्रांट है, जिसकी दूरी करीब 35 से 40 किमी है. नील पर्वत के शिखर पर स्थित मां चंडी देवी के दर्शन के लिए आपको तीन किमी की चढ़ाई चढ़नी पड़ेगी. इसके अलावा यहां आप रोपवे के माध्यम से भी जा सकते हैं.