Shiv ji Aarti: सनातन धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है. भगवान शिव अलौकिक शक्ति हैं. मान्यता है कि उनकी आराधना करने से व्यक्ति के दुखों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में भगवान शिव के अलग-अलग नाम हैं, जैसे- शंकर, भोलेनाथ, गंगाधार, नीलकंठ, भिलेश्वर, रुद्र, भिलपती, महेश आदि. भगवान शिव को
प्रसन्न करने के लिए सोमवार को शिवलिंग की विधिवत पूजा करें. इसके बाद सच्ची श्रद्धा भाव से उनकी आरती करें. ऐसा करने से भोलेनाथ के साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. यहां पढ़ें शिव जी की आरती.
शिव जी की आरती कुछ इस प्रकार है
॥शिव जी की आरती॥
ॐ जय शिव ओंकारा
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)