Surya Dev: हिन्दू धर्म में सूर्य देव को अत्यंत पूजनीय माना गया है. सूर्य देव के बारे में ग्रंथों और शास्त्रों में बहुत कुछ बताया गया है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जो साधक प्रतिदिन सूर्य देव की पूजा करके उन्हें जल अर्पित करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जिस प्रकार प्रत्येक देवी-देवता का एक विशेष वाहन होता है, ठीक उसी प्रकार सूर्य देव रथ पर सवार होते हैं, जिसमें 7 घोड़े जुते हुए होते हैं. चलिए जानते हैं इस 7 घोड़ों का महत्व…
यह हैं सूर्य देव के 7 घोड़े
सूर्य देव के रथ में लगे 7 घोड़ों का नाम इस प्रकार है- गायत्री, वृहति, उष्णिक, जगति, त्रिष्टुप, अनुष्टुप और पंक्ति. यह घोड़े सफेद रंग के होते हैं.
यह है 7 घोड़ों का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सूर्य देव के इन 7 घोड़ो का संबंध सप्ताह के 7 दिनों से माना गया है. इसके अलावा, यह भी मान्यता है कि सूर्य देव के रथ में जुड़े 7 घोड़े इन्द्रधनुष के 7 रंगों को भी दर्शाते हैं. वहीं, सूर्य की किरणों में सात प्रकार की रौशनी पाई जाती है, जिन्हें यह सात घोड़े दर्शाते हैं.
रथ से जुड़ी अन्य रोचक बातें
अरुण देव सूर्य देव के रथ के सारथी हैं, जो भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के भाई हैं. सूर्य देव के रथ में केवल एक ही पहिया होता है, जिसे संवत्सर कहा जाता है. इस पहिये में 12 तीलियां लगी हुई है, जो साल के 12 महीनों को दर्शाती हैं. इस रथ का एक सिरा मानुषोत्तर पर्वत पर, तो दूसरा मेरु पर्वत पर स्थित माना गया है.
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