Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मानव जीवन का समर्पण हो- प्राणी मात्रा में परमात्मा के दर्शन करके उनकी सेवा में जीवन को समर्पित करने वाले तथा अपने प्रयासों से दुःखी मानव के अश्रु पोंछने वाले संतों के चरणों में जीवन का समर्पण हो।
मानवमात्र को सुखी बनाने की भावना से स्वयं की सम्पत्ति का सदुपयोग करने वाले मानवतावादी धनपतियों की कर्तव्यनिष्ठा को जीवन का समर्पण हो। अपने आस-पास के असहाय प्राणियों को आश्रय देकर फटे हुए आकाश को सीने का प्रयत्न करने वाले सद्भाव युक्त भाई-बहनों की मंगल भावना को जीवन का समर्पण हो।
आफत से ईश्वर के प्रति श्रद्धा एवं मन के साहस को छोड़े बिना दुःख के समुद्र को मथकर अमृत को निकालने वाले जीवन वीरों की तेजस्विता को जीवन का समर्पण हो। जिस घर में गरीब का सम्मान है और नीति का धन है वह घर बैकुंठ के समान है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).