देश की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है यह तोप: टी. एस. मुरली

Haridwar: बीएचईएल हरिद्वार के रक्षा एवं एयरोस्पेस विभाग ने अपनी पहली, अपग्रेडेड सुपर रैपिड गन माउंट (एसआरजीएम) तोप का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। भारतीय नौसेना के लिए निर्मित इस एसआरजीएम तोप को, बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक श्री टी. एस. मुरली ने हरी झंडी दिखाकर, बालासोर (उड़ीसा) के लिए रवाना किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए टी. एस. मुरली ने कहा कि यह तोप, देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में बेहद अहम भूमिका निभाएगी । उन्होंने कहा कि इस तोप का निर्माण एवं आपूर्ति, हर बीएचईएल कर्मी के लिए आत्मगौरव का विषय है । उल्लेखनीय है कि यह तोप 35 किलोमीटर के दायरे में हवा, पानी और समुद्र में विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को भेद सकती है । साथ ही लक्ष्य की स्थिति के आधार पर, विभिन्न प्रकार के गोला – बारूद का चयन करने में भी सक्षम है।
भारतीय नौसेना द्वारा बीएचईएल को दिए गए 38 अपग्रेडेड एसआरजीएम तोपों के आर्डर के अंतर्गत, अभी यह पहली तोप है । इसके बाद बीएचईएल द्वारा 37 और अपग्रेडेड एसआरजीएम तोपों की आपूर्ति की जाएगी । बीएचईएल पिछले तीन दशकों से भारतीय नौसेना के लिए, एसआरजीएम का निर्माण कर रहा है तथा अब तक कुल 44 तोपों की आपूर्ति भी कर चुका है।
इस अवसर पर महाप्रबंधकगण, वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय नौसेना तथा इटली की सहयोगी कंपनी लियोनार्डो के प्रतिनिधि, रक्षा एवं एयरोस्पेस विभाग की टीम तथा यूनियन एवं एसोसिएशन के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।
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