Varuthini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व होता है. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर वरुथिनी एकादशी मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अराधना की जाती है. मान्यता है कि एकादशी के दिन व्रत रखने और विधिवत लक्ष्मीनारायण की उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025) का धार्मिक महत्व खुद भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया था. इस व्रत को अगर आप विधि-विधान से करते हैं तो आपको सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं इस साल वरुथिनी एकादशी व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.
वरुथिनी एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त
वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल को शाम में 4 बजकर 44 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 24 अप्रैल को दोपहर में 2 बजकर 31 मिनट पर होगा. सनातन धर्म में उदयातिथी का महत्व है. ऐसे में वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल को किया जाएगा. वहीं, इस व्रत का पारण 25 अप्रैल को द्वादशी तिथि में सुबह 5 बजकर 45 मिनट से 8 बजकर 23 मिनट में किया जाएगा.
वराह रूप में पूजे जाएंगे भगवान विष्णु
वैशाख महीने की इस एकादशी को भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए शुभ अवसर माना जाता है. यह तिथि भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा के लिए बहुत अहम है इसलिए इस मास में पड़ने वाली एकादशी का महत्व भी बहुत खास होता है. धार्मिक मान्यता है कि धन की कमी को पूरा करने के लिए वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से लाभ मिलता है.
पौराणिक महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार, वरुथिनी एकादशी के दिन विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. इस एकादशी के महत्व के बारे में स्वयं भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया था. इस व्रत को करने से कन्यादान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. पौराणिक कथा के अनुसार, राजा मान्धाता को वरुथिनी एकादशी व्रत करके ही स्वर्ग की प्राप्ति हुई थी.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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