Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्ति जब आपके जीवन में आयेगी, तब ईश्वर का अनुभव होने लगेगा और संसार से आपकी विरक्ति हो जायेगी। जैसे भोजन करो तो तुष्टि, पुष्टि और भूख की निवृत्ति एक साथ हो जाती है। भोजन किया नहीं इसीलिए शरीर कमजोर हो रहा है, भोजन करने की ज्यादा इच्छा हो रही है और तृष्णा है। लेकिन जैसे-जैसे आप भोजन करते जाते हैं, भूख समाप्त होती जाती है, ज्यादा खाने की इच्छा खत्म हो जाती है और शरीर में शक्ति आ जाती है। तीनों काम एक साथ होते हैं। इसी तरह जो व्यक्ति भक्ति करता रहता है, ईश्वर का अनुभव, संसार से विरक्ति और आत्म-संतुष्टि ये भक्ति के लक्षण हैं।
उसे भक्ति, विरक्ति और आत्म प्रबोध एक साथ होते हैं। ईश्वर का भजन करते-करते ऐसा समय आयेगा कि आपको जब ईश्वर की भक्ति मिलेगी तो आत्म-संतुष्टि, संसार से विरक्ति का अनुभव ये तीनों एक साथ प्राप्त होंगे। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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