Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना, जानिए इनका स्वरूप, प्रिय भोग और मंत्र

Raginee Rai
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Chaitra Navratri 2024 Maa Kalratri Puja: इस समय देशभर में चैत्र नवरात्रि का त्‍योहार मनाया जा रहा है. नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्‍वरूप की अराधना की जाती है. इस साल 15 अप्रैल, सोमवार को चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन हैं. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी. मां कालरात्रि सदैव शुभ फल देने वाली हैं, इसलिए इनकों शुभंकरी के नाम से भी जाना जाता है. इनकी कृपा से भक्‍त हमेशा भयमुक्‍त रहता है. मां के इस रूप को सबसे उग्र रूप माना जाता है. मान्‍यता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से ब्रह्मांड की सभी सिद्धियों का द्वार खुलता है. चलिए जानते हैं मां कालरात्रि का स्‍वरूप, प्रिय भोग और मंत्र.

ऐसा है मां कालरात्रि का स्वरूप 

मां कालरात्रि का स्‍वरूप विकराल है. इसका रंग काला है और ये गधे पर विराजमान होती है. उनके तीन नेत्र और चार भुजाएं हैं. इनकी भुजाओं में कांटा, खड्ग, लौह अस्त्र सुशोभित है. मां के गले में बिजली सी चमक हैं. मां का यह स्वरूप भूत-प्रेत, नकारात्मक ऊर्जा, दानव, पिशाच का विनाश कर देता है. देवी कालरात्रि की उपासना मानव को निर्भीक एवं निडर बनाती है. माता अग्नि, जल, शत्रु एवं जानवर आदि के भय से भी मुक्ति दिलाती हैं. आदिशक्ति के इस स्‍वरूप की पूजा अर्चना अचूक मानी जाती हैं.

मां कालरात्रि का भोग

महासप्तमी के दिन मां कालरात्रि को गुड़ या गुड़ से बनी चीजें का भोग लगाना चाहिए. इनको गुड़ अति प्रिय है. आप गुड़ के चिल्ले से लेकर मालपुआ और पकोड़े बना सकती है. इनका भोग लगाने से माता रानी अति शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपनी अपार कृपा बरसाती हैं.

स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:.

पूजन मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्रीं कालरात्रै नमः

माता का सिद्ध मंत्र

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता. लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी.. वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा. वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि .

मां का बीज मंत्र

क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:

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