प्रभु जिस स्थिति में रखें, उसी में संतोष मानोगे तो ही हो सकोगे सुखी: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, वक्ता बनो- कथा सुनकर घर जाने के बाद वक्ता बनो एवं अपने मन को श्रोता बनाओ। फिर मन को प्रेम से समझाओ कि संसार में रस मत लो, क्योंकि संसार के विषय और व्यसन तो जहर से भरे हुए हैं। मन को समझाकर कहना है कि जहर तो खाने के बाद मृत्यु प्रदान करता है, किंतु संसार का विषय एवं व्यसन विचार मात्र से अधोगति में ले जाता है। मन को समझाओ कि संसार का विषय तो विष से भी ज्यादा खतरनाक है, इसलिए इसे बचने के लिए विश्वनाथ के चरणों की शरण ग्रहण करना है।
क्योंकि विश्वनाथ के चरणों में तो विषय-विष से बचाने वाली अनोखी जीवन-संजीवनी विश्राम कर रही है।प्रभु जिस स्थिति में रखें, उसी में संतोष मानोगे तो ही सुखी हो सकोगे। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश)  श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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