2032 तक 1.91 लाख सर्किट किमी ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ी जाएंगी: मनोहर लाल खट्टर

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने 2032 तक करीब 1.91 लाख सीकेएम (सर्किट किलोमीटर) ट्रांसमिशन लाइनें और 1274 जीवीए परिवर्तन क्षमता जोड़ने की योजना बनाई है. गुरुवार शाम को ऊर्जा मंत्रालय के सांसदों की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में बिजली एक महत्वपूर्ण घटक है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विद्युत योजना 2023 से 2032 की अवधि के दौरान देश में जोड़े जाने वाले आवश्यक ट्रांसमिशन सिस्टम का विवरण प्रदान करती है, जो देश में बिजली की मांग में वृद्धि और उत्पादन क्षमता के अनुरूप है.
उन्होंने यह भी कहा कि पर्याप्त ट्रांसमिशन सिस्टम की उपलब्धता से उत्पादन क्षमता का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है, जो एक विश्वसनीय बिजली प्रणाली की आवश्यकता है. र्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एनईपी-ट्रांसमिशन के अनुसार, दस साल की अवधि (2023 से 2032) के दौरान लगभग 1.91 लाख सीकेएम ट्रांसमिशन लाइनें और 1274 जीवीए परिवर्तन क्षमता जोड़ने की योजना है. वर्ष 2031-32 तक की ट्रांसमिशन योजना को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विद्युत योजना-ट्रांसमिशन सीईए (केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण) द्वारा तैयार की गई है.
यह योजना अक्टूबर, 2024 में जारी की गई है. विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 3 के अनुसार, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) को राष्ट्रीय विद्युत नीति के अनुसार राष्ट्रीय विद्युत योजना तैयार करनी है. बैठक में आरओडब्ल्यू (मार्ग का अधिकार), ट्रांसमिशन में नई तकनीक, साइबर सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई. सांसदों ने विभिन्न पहलों और योजनाओं के संबंध में कई सुझाव दिए. न्होंने देश में ट्रांसमिशन नेटवर्क के विस्तार में विद्युत मंत्रालय की पहलों और प्रयासों की भी सराहना की. ऊर्जा मंत्री ने प्रतिभागियों के बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए बैठक का समापन किया. उन्होंने अधिकारियों को सांसदों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल करने और लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

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