नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक, 2024 की जनवरी-नवंबर अवधि में अनुसूचित भारतीय और विदेशी ऑपरेटरों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर कुल 64.5 मिलियन यात्रियों को ले जाया गया, जो 2023 की इसी अवधि (58 मिलियन हवाई यात्री) की तुलना में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष 64.5 मिलियन यात्रियों में से 29.8 मिलियन यात्री भारतीय एयरलाइन्स द्वारा तथा 34.7 मिलियन यात्री विदेशी एयरलाइन्स द्वारा यात्रा किये गये थे.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा पहले साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-नवंबर की अवधि में घरेलू एयरलाइनों ने कुल 1.02 मिलियन उड़ानें संचालित कीं, जिनमें कुल 146.4 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की, जबकि पिछले वर्ष 2023 (जनवरी-नवंबर) के दौरान 0.97 मिलियन उड़ानों ने कुल 138.2 मिलियन अनुसूचित यात्रियों को यात्रा कराई थी. मंत्रालय ने कहा, “अनुसूचित घरेलू भारतीय वाहकों द्वारा ले जाए जाने वाले घरेलू यात्रियों की संख्या में वर्ष 2024 में पिछले वर्ष 2023 की समान अवधि की तुलना में 5.9% की वृद्धि देखी गई है.”
17 नवंबर 2024 को एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए घरेलू हवाई यात्री यातायात पहली बार एक दिन में 5 लाख को पार कर जाएगा. भारतीय वायुयान अधिनियम 2024, जो 1 जनवरी से लागू हुआ, का उद्देश्य समकालीन आवश्यकताओं और वैश्विक मानकों के अनुरूप विमान अधिनियम, 1934 को पुनः अधिनियमित करके भारत के विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना है. सरकार ने कहा, नया कानून ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देगा, शिकागो कन्वेंशन और आईसीएओ जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के साथ संरेखित होगा और लाइसेंस जारी करने को सरल बनाने जैसी नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा.
विस्तार के हिस्से के रूप में, पिछले साल महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास में वाराणसी, आगरा, दरभंगा और बागडोगरा में नए टर्मिनलों की नींव रखना शामिल था. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करते हुए सरसावा, रीवा और अंबिकापुर में हवाई अड्डों का उद्घाटन भी किया. सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए भी ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दे दी है.
मंत्रालय के मुताबिक, “विमानन क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए, हितधारकों के लिए एक सलाह जारी की गई है कि वे भारत के विमानन उद्योग में 2025 तक विभिन्न पदों पर महिलाओं की संख्या 25% तक बढ़ाएँ.” इसके अलावा, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू हवाई अड्डों पर ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों को अपनाने पर जोर दे रहे हैं, जिससे परिचालन के कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. मंत्रालय के मुताबिक, 80 हवाईअड्डों ने 100% हरित ऊर्जा उपयोग को अपना लिया है, तथा 12 हवाईअड्डे 2024 में ऐसा करेंगे.