भारत में 70% महिला उद्यमी अपने फाइनेंशियल, मार्केटिंग और डिजिटल स्किल में सुधार के लिए उत्सुक: Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत में 70% महिला व्यवसायी, खासकर जो टियर 2 और 3 शहरों से हैं, अपने उद्यमों को बढ़ाने के लिए अपने फाइनेंशियल, मार्केटिंग और डिजिटल स्किल में सुधार करना चाहती हैं. गैर-मेट्रो शहरों में 1,300 से अधिक नई और मौजूदा महिला व्यवसायी, जिनकी उम्र 18-55 वर्ष है, के सर्वे के आधार पर निष्कर्ष बताते हैं कि 52% महिला उद्यमी रिटेल, ई-कॉमर्स और एडटेक जैसे क्षेत्रों में काम करती हैं. यूके स्थित बिजनेस फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म टाइड से जारी भारत वूमन एस्पीरेशन इंडेक्स (BWAI) 2025, भारत में शहरों से परे टियर 2 और 3 की महिला उद्यमियों की आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह रिपोर्ट उनके सामने आने वाले अवसरों और चुनौतियों पर भी प्रकाश डालती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 12% महिलाएं डिजिटल स्किलिंग को प्रमुख प्राथमिकता मानती हैं. यह उद्योग की जरूरतों और उनकी खुद की धारणा के अंतर को दिखाता है. इसी तरह 54% महिलाओं का मानना है कि वित्तीय संस्थान उन्हें ऋण योग्य नहीं मानते हैं. 90% व्यवसाय जेन-जी और मिलेनियल उद्यमियों द्वारा संचालित होते हैं, जिनमें से 83% टियर 2 और उससे आगे के शहरों से उभर रहे हैं. यह अधिक उद्यमियों का छोटे भारतीय शहरों से उभरना दर्शाता है. भारत की टियर 2, 3 और उससे आगे के शहरों की महिला उद्यमी महत्वाकांक्षी, डिजिटल रूप से जागरूक और आगे बढ़ने के लिए दृढ़ हैं.
लेकिन, वे फाइनेंस, नेटवर्क और विजिबिलिटी जैसे संरचनात्मक अंतराल की वजह से पीछे रह जाती हैं. बावजूद इसके 86% महिलाएं शायद ही कभी या कभी भी किसी बिजनेस नेटवर्क में भाग नहीं लेतीं, जिसकी वजह से उन्हें महत्वपूर्ण सहकर्मी समर्थन से वंचित रहना पड़ता है. भले ही वे अपना खुद का व्यवसाय चलाती हों, 52% महिलाओं को अभी भी ऋण प्राप्त करने के लिए परिवार के किसी पुरुष सदस्य की जरूरत होती है. टाइड इंडिया के सीईओ गुरजोधपाल सिंह ने कहा, बीडब्ल्यूएआई 2025 के निष्कर्ष भारत के छोटे शहरों में महिला उद्यमियों के बीच गहरी आकांक्षा को दर्शाते हैं.
लेकिन, यह भी दर्शाते हैं कि बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। यह उत्साहजनक है कि कई महिलाएं फाइनेंस को मैनेज करने और अपने व्यवसायों की मार्केटिंग करने की अपनी क्षमता में अधिक आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा, हालांकि, औपचारिक नेटवर्क, डिजिटल टूल और फाइनेंसिंग तक सीमित पहुंच जैसी बाधाएं व्यापक रूप से फैली हुई हैं.

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