आम आदमी की सहूलियत के लिए मोदी सरकार ने कुछ साल पहले एक योजना शुरू की थी. उसका फायदा किस कदर आम आदमी को मिल रहा है, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने इसके आंकड़े जारी किए हैं. मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आकड़ों के नुसार इस योजना ने आम आदमी के 5 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की बचत की है,
जबकि 2024 के 11 महीने में आम आदमी ने 1,255 करोड़ रुपये की खरीदारी भी कर डाली, जिससे उनके हजारों रुपये बचे. हम बात कर रहे हैं पीएम मोदी की ओर से शुरू की गई जन औषधि योजना की. सरकार ने देशभर के हर जिले में जन औषधि केंद्र खोले, जहां बेहद कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. इससे ब्रांडेड कंपनियों की महंगाई दवाएं खरीदने से आम आदमी बच जाता है और उसे सैकड़ों रुपये बचाने में भी मदद मिलती है.
2024 में कितनी दवाएं बिकीं
सोमवार को रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने कहा, जन औषधि बिक्री केन्द्रों के माध्यम से दवाओं की बिक्री, 30 नवंबर, 2024 तक 1,255 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई. चालू वित्त वर्ष 2024-25 में फार्मास्युटिकल्स विभाग के तहत भारतीय औषधि और चिकित्सा उपकरण ब्यूरो (PMBI) की बिक्री नवंबर के अंत तक 1,255 करोड़ रुपये रही, जिससे नागरिकों को लगभग 5,020 करोड़ रुपये की बचत हुई है.
बढ़ता जा रहा जन औषधि का दायरा
वर्ष 2024 के दौरान, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और असम राइफल्स (CAPF), एनएसजी और एआर) के साथ कई समझौता ज्ञापनो (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, ताकि सीएपीएफ, एनएसजी और एआर अस्पतालों में जन औषधि दवाएं लाकर स्वास्थ्य सेवा पहुंच को बढ़ाया जा सके. इसके अलावा, सरकार ने मॉरीशस में पहला विदेशी जन औषधि केंद्र भी खोला है.
500 करोड़ की नई योजना शुरू
रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने कहा, फार्मास्युटिकल्स विभाग ने भी चालू वित्त वर्ष के दौरान 500 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ दवा उद्योग को मजबूत करने के लिए एक योजना लागू की है. इस योजना का उद्देश्य देशभर में मौजूदा फार्मा क्लस्टरों और MSME को उनकी उत्पादकता, गुणवत्ता में सुधार के लिए सहायता प्रदान करना है.