हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) की कंपनी अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी की डिफेंस इकाई को भारतीय सेना (Indian Army) को वाहनों की आपूर्ति के लिए 700 करोड़ रुपये की वैल्यू के कई ऑर्डर मिले हैं. इन ऑर्डर्स के तहत आपूर्ति किए जाने वाले वाहनों को क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS) कार्यक्रम के तहत सैन्य परिवहन, लॉजिस्टिक्स और ट्रूप्स ट्रांसपोर्टेशन के लिए उपयोग किया जाएगा.
कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि नए कॉन्ट्रैक्ट के तहत अशोक लेलैंड भारतीय सेना को स्टैलियन 4×4, स्टैलियन 6×6, शॉर्ट चेसिस बस और मोबिलिटी सिस्टम ट्रैवलिंग प्लेटफॉर्म की आपूर्ति करेगा. कंपनी ने आगे बयान में कहा कि इन वाहनों में उत्कृष्ट विश्वसनीयता के साथ असाधारण ऑफ-रोड क्षमता है, जिससे देश के सबसे कठिन इलाकों में निर्बाध मोबिलिटी सुनिश्चित होती है.
अशोक लेलैंड की एमडी और सीईओ शेनू अग्रवाल ने कहा, हमें इन नए ऑर्डर के मिलने पर बेहद गर्व है, जो सशस्त्र बलों के लिए अत्याधुनिक समाधान देने की कंपनी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. डिफेंस कारोबार भविष्य में अशोक लेलैंड की वृद्धि में प्रमुख स्तंभ बना हुआ है. अशोक लेलैंड के डिफेंस कारोबार के अध्यक्ष अमनदीप सिंह ने कहा, आत्मनिर्भर भारत के एक समर्थक के रूप में, हम डिफेंस मोबिलिटी सेक्टर में स्वदेशी डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
हमारे वाहन प्लेटफॉर्म, 4×4 से लेकर 12×12 तक हैं और मौजूदा समय की रक्षा जरूरतों के मुताबिक हैं. उन्होंने आगे कहा, हमें अपनी सेनाओं का सपोर्ट करने में बहुत गर्व है और हम इन ऑर्डर्स को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कंपनी ने कहा, अशोक लेलैंड स्वदेशी मोबिलिटी सॉल्यूशंस विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो न केवल सशस्त्र बलों की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि रक्षा में भारत की आत्मनिर्भरता को भी बढ़ाएगा.
बीते हफ्ते आई नुवामा की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में भारत का डिफेंस सेक्टर में 31 गुना बढ़ गया है, जिससे वैश्विक बाजार में इसकी स्थिति मजबूत हुई है और अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में बताया गया कि भारत सरकार ने वित्त वर्ष 29 के लिए 50,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा है, जो कि दर्शाता है कि आने वाले समय में सेक्टर मजबूत रहेगा. अकेले वित्त वर्ष 2025 में निर्यात 20,300 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे अंतरराष्ट्रीय डिफेंस सप्लाई चेन में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी.
–आईएएनएस