गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रति उपयोगकर्ता औसत मासिक डेटा खपत 2024 में बढ़कर 27.5 गीगाबाइट हो जाएगी, जो पिछले 5 सालों में 19.5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाती है. भारत में प्रति यूजर औसत मासिक डेटा खपत 2024 में बढ़कर 27.5 GB हो गई है, जो पिछले 5 सालों में 19.5% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाती है.
रिपोर्ट में बताया गया कि 5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस के निरंतर बढ़ने से डेटा उपयोग में वृद्धि हो रही है, एफडब्ल्यूए यूजर्स अब औसत मोबाइल डेटा यूजर्स की तुलना में 12 गुना अधिक डेटा का उपभोग कर रहे हैं, यह बदलाव आवासीय और व्यावसायिक दोनों ही क्षेत्रों में नई सेवाओं के कारण हो रहा है. नोकिया के वार्षिक मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडेक्स के मुताबिक, देश भर में मासिक 5जी डेटा ट्रैफिक तीन गुना बढ़ गया है और 2026 की पहली तिमाही तक यह 4जी से अधिक हो जाएगा.
रिपोर्ट में कहा गया कि 5जी डेटा खपत में वृद्धि का नेतृत्व कैटेगरी बी और सी सर्किल्स के द्वारा किया जा रहा है. इन सर्किल्स में डेटा खपत 3.4 गुना और 3.2 गुना बढ़ी है. इन सर्किल्स में 5जी नेटवर्क का विस्तार इस वृद्धि का एक प्रमुख कारण रहा है. मेट्रो सर्किलों में 5जी डेटा उपयोग अब कुल मोबाइल ब्रॉडबैंड डेटा का 43 प्रतिशत है, जो 2023 में 20% था, जबकि 4जी डेटा वृद्धि में गिरावट आ रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 5जी डिवाइस इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव आ रहा है. एक्टिव 5जी डिवाइस की संख्या 2024 में सालाना आधार पर दोगुनी होकर 27.1 करोड़ हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया कि यह ट्रेंड आने वाले समय में बढ़ने वाला है. 2025 में करीब 90% स्मार्टफोन 5जी सक्षम होने वाले हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि 5जी एडवांस्ड की क्षमताएं 6जी में बदलाव के लिए आधार का काम करेंगी.