Bank KYC: केंद्रीय बैंक आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने बैंकों से KYC (अपने ग्राहक को जानें) गाइडलाइंस का ‘सटीकता और सहानुभूति’ के साथ पालन करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर केंद्रीय बैंक द्वारा उनके खिलाफ रेगुलेटरी एक्शन लिया जाएगा.
सोमवार को प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के डायरेक्टर्स के सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वामीनाथन जे ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कई मामलों में आंतरिक लोकपाल ढांचे समेत ग्राहक शिकायत तंत्र को एक मजबूत, प्रभावी संसाधन के बजाय औपचारिकता के तौर पर अधिक माना जाता है.
मूल्यवान और सम्मानित महसूस करें ग्राहक
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन ने कहा कि आंतरिक लोकपाल तंत्र, कागज पर लिखे शब्दों से कहीं अधिक होना चाहिए. इसे निष्पक्ष और शीघ्रता से मुद्दों को हल करने के लिए जरूरी भावना और परिश्रम के साथ काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बैंक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को ग्राहक-केंद्रित बैंक बनाने की दिशा में काम करना चाहिए, जहां हर व्यक्ति, चाहे उसकी उम्र, आय या पृष्ठभूमि कुछ भी हो, वो मूल्यवान और सम्मानित महसूस करे.
…तो कार्रवाई में नहीं करेंगे संकोच
ग्राहक-केंद्रित शासन हर पॉलिसी, प्रक्रिया और सेवा टचपॉइंट में स्पष्ट होना चाहिए. डिप्टी गर्वनर ने कहा कि जब अपने ग्राहकों के साथ निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से व्यवहार करने की बात आती है, तो यह और भी अधिक साफ होना चाहिए. स्वामीनाथन ने कहा कि जैसा कि मैंने पहले कहा है, यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां हम सिस्टम में ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने के लिए खास तौर से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और अगर पर्यवेक्षी हस्तक्षेप जरूरी माना जाता है तो हम कार्रवाई करने में नहीं हिचकिचाएंगे. .
KYC गाइडलाइंस का सटीकता-सहानुभूति का पालन जरूरी
स्वामीनाथन ने बैंकों के बोर्ड मेंबर्स, विशेष रूप से ग्राहक सेवा समिति के अध्यक्ष से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि KYC गाइडलाइंस का सटीकता और सहानुभूति, दोनों के साथ पालन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक उन संस्थाओं के खिलाफ नियामकीय या पर्यवेक्षी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा जो समय पर और विचारशील तरीके से इन चिंताओं को दूर करने में विफल रहती हैं.
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