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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने कहा है कि भारत के कुछ रेलवे ट्रैक का पांचवें से ज्यादा हिस्सा (1/5) अब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने में सक्षम हैं, जो बाड़ लगाने और आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम सहित बेहतर सुरक्षा उपायों के जरिए हासिल किया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया, ‘भारतीय रेलवे के कुल 1.03 लाख ट्रैक किलोमीटर (TKM) नेटवर्क में से लगभग 23,000 ट्रैक किलोमीटर (TKM) अब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए उपयुक्त हैं.’
उन्होंने यात्रा के समय में कमी के जरिये बेहतर कनेक्टिविटी का जिक्र किया. TKM दो बिंदुओं के बीच ट्रैक की लंबाई को दर्शाता है. भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने यह भी पुष्टि की है कि 54,337 TKM ट्रैक 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति को समायोजित कर सकते हैं. अधिकारी ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष के दौरान 5,000 TKM के लक्ष्य के मुकाबले 2,741 TKM नेटवर्क की गति को पहले ही 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ा दिया गया है.’
भारतीय रेलवे नेटवर्क पर उच्च ट्रेन गति का सपोर्ट करने के लिए ट्रैक और सिग्नलिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर विचार कर रहा है. स्वर्णिम चतुर्भुज पर कुछ प्रमुख खंडों को भी 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की अधिकतम गति वाली अर्ध-उच्च गति वाली ट्रेनों के लिए अपग्रेड किया जा रहा है. भारतीय रेलवे की नई प्रमुख यात्री ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है.
भारतीय रेलवे ने पूंजीगत व्यय के साथ किया बेहतर प्रदर्शन
इस बीच, भारतीय रेलवे ने पिछले वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर के दौरान आय में 4% की वृद्धि और 2% अधिक पूंजीगत व्यय के साथ बेहतर प्रदर्शन किया. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पूंजीगत व्यय 1.92 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि इस अवधि के दौरान माल ढुलाई से 1.26 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ. यात्री खंड की आय में 6% की वृद्धि हुई, जो 55,988 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. एक वरिष्ठ अधिकारी ने वित्तीय दैनिक को बताया, ‘चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में भारतीय रेलवे का कुल राजस्व 1.93 लाख करोड़ रुपये रहा. यह पिछले साल की तुलना में 7,674 करोड़ रुपये अधिक है.’
माल ढुलाई से राजस्व में हुई वृद्धि
राजस्व में वृद्धि मुख्य रूप से बढ़ी हुई माल ढुलाई से हुई, जिसमें 2% की वृद्धि हुई और यह 1,179 मिलियन टन हो गई. मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर और अन्य सहित ट्रेन सेवाओं में 3% की वृद्धि हुई, जिससे 2.07 मिलियन से अधिक रन प्राप्त हुए. अधिकारी ने कहा, ‘यह अब तक का सबसे उच्च रिकॉर्ड है. पिछले साल हमने इसी अवधि के दौरान 2.02 मिलियन ट्रेन सेवाएं चलाई थीं.’
पीक डिमांड अवधि के दौरान विशेष ट्रेन सेवाओं में पिछले वर्ष की तुलना में 54% की वृद्धि हुई और यह 57,169 हो गई. रेलवे प्राधिकरण ने लोकप्रिय मार्गों पर 62 विशेष ट्रेनों को शामिल करते हुए एक नई समय सारिणी शुरू की है. नई समय सारिणी में 34 जोड़ी वंदे भारत ट्रेनों के साथ 74 अतिरिक्त सेवाएं भी शामिल हैं.